मां, बेटा और बहू तीन जनों का छोटा सा परिवार। पर सास बहू में रोज जूतम पैजार। दोनों यही समझतीं कि लड़का उसे ही ज्यादा चाहता है। एक दिन शाम को लड़का घर आया तो दोनो सास बहू उसके सामने आ खड़ी हुईं। मां ने बेटे से पूछा कि आज एक बात साफ कर दे, तू किसकी ज्यादा फिकर करता है ? मेरी या अपनी बीवी की ? मान ले हम दोनों नदी में ड़ूबने लगें तो तू किसे पहले बचायेगा?लड़का बेचारा पेशोपेश में। एक तरफ कूंआ दूसरी तरफ खाई। समझ नहीं पा रहा था कि क्या जवाब दे। उसके उतरे चेहरे को देख उसकी बीवी को दया आगयी। वह बोली, तुम तो अपनी मां को बचा लेना। मुझे बचाने वाले बहुत मिल जायेंगे।
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शादी के 25-30 साल बाद। करवा चौथ की सुबह रसोई की खट-पट से पति की नींद में बाधा पड़ी तो वह चिल्लाया, मुंह अंधेरे यह क्या कर रही हो ?बीवी वहीं से गुर्राई, तेरा स्यापा ही करने में लगी हूं।
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एक बूढी माई ने एक सोने का कंगन बनवा कर अपनी वर्षों की हसरत पूरी की। अब उसकी इच्छा थी कि उस जेवर की लोग प्रशंसा करें। वह दिन भर इधर उधर घूमती रही। लोगों को आकर्षित करने के उसने सारे उपाय कर लिये पर दैवयोग से किसी का भी ध्यान कंगन की ओर नहीं गया। वह रुआंसी तो हो ही गयी साथ ही साथ गुस्से से भी भर गयी। गुस्से में उसने अपनी झोंपड़ी में आग लगा दी। और हाथ उठा जोर-जोर से चिल्लाने लगी, लोगो दौड़ो, बचाओ। इसी बीच एक लड़के की नज़र उसके चमकते कंगन पर पड़ी। उसने पूछा, क्यों नानी नया गहना बनवाया है क्या ?वृद्धा यह सुनते ही फट पड़ी, अरे नासपीटे सबेरे ही इसे देख लेता तो मेरा घर तो बच जाता।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
मंगलवार, 30 जून 2009
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15 टिप्पणियां:
kya khoob chutkule sunaye hain
अच्छा लगा
खूब
ये तू तू मै मै तो खूब जमीं . वाह वाह एक तरफ कुया और एक तरफ खाई .
तीनों के तीनों परम सत्य हैं. सटी.
रामराम.
हा हा!! मजेदार यथार्थ!
mazedaar
WAH..WAH..WAH..WAH..
BAHUT KHOOB.
सही है!
सही है!
antim waala bahut mast tha
बहुत मजा आया. कुछ नयापन था. आभार
मजेदार |
हा हा हा....तेरा ही स्यापा कर रहीं हूँ!!!
हा...हा...हा...हा...हा
भाई खूब रही
आनंद आ गया !
सब के सब यथार्थवादी हास्य से सराबोर चुटकुले !
शर्मा जी बहुत खुब सभी चुटकले एक से बढ कर एक.धन्यवाद
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