अपनी एक पुरानी डायरी मे यह रोचक प्रसंग मिला, कैसा रहा बताइयेगा :-
काफी पुरानी बात है। अंग्रेजों का बोलबाला सारे संसार में क्यूं है? क्या वे लोग भी जादू-टोना जानते हैं ? क्या हमारे काले जादू से उनका सफेद जादू ज्यादा शक्तिशाली है ? ऐसी ही जिज्ञासाओं का उत्तर पाने के लिये सुदूर अफ़्रिका का एक ओझा इंगलैंड जा पहुंचा। उसके स्वदेश लौटने पर लोगों ने उसे घेर कर उसकी यात्रा का परिणाम जानना चाहा। उसने सबकी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिये सबको अपने घर बुलाया और अपनी दास्तान सुनानी शुरु की, वह बोला, निश्चित रूप से उनका सफेद जादू हमारे काले जादू से बेहतर है। यह मैने अपनी आंखों से देखा है। सारे लोगों की आँखें भी कान बन गयीं। सभी ने सिमट कर उसे घेर लिया।
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ओझा ने कहना शुरू किया, घूमते-घूमते मैं गोरों के देश इंग्लैण्ड जा पहुंचा। वहीँ एक दिन देखा कि लोग एक मैदान की ओर जा रहे हैं। मैं भी उत्सुकतावश वहाँ चला गया, देखा कि मैदान के चारों ओर सैंकड़ों लोग गोल घेरा बना कर बैठे हुए थे। आकाश बिल्कुल साफ था, बादलों का नामोनिशान नहीं था। नीचे सुंदर हरी घास बिछी हुई थी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि इतने लोग किसका इंतजार कर रहे हैं। तभी कहीं से एक आदमी ने आकर मैदान के बीचो-बीच तीन लकड़ियां गाड़ दीं। फिर उसने कुछ कदम नाप कर उन लकड़ियों के सामने तीन और लकड़ियां गाड़ दीं। इसके तुरंत बाद एक तरफ से दो आदमी जिन्होंने टोपी और सफ़ेद कोट पहन रखे थे, आये और झुक कर उन गड़ी हुई लकड़ियों पर दो-दो छोटे टुकड़े रख दिये। इसके बाद जिधर से कोट वाले आये
थे उधर से ही कुछ और लोग मैदान में आ जगह-जगह बिखर कर खड़े हो गये। मैने गिना वह ग्यारह की संख्या में थे। तभी उसी दिशा से दो और आदमी अजीब सी चीजों को शरीर पर धारण कर, एक-एक लकड़ी का चौड़ा सा डंडा हाथ में लिए आए और मैदान के बीचो-बीच पहले से दो जगह गड़े ड़ंड़ों के पास एक-एक कर खड़े हो गये। फिर उन्होंने इधर-उधर, उपर-नीचे देखा और उनमें से एक हाथ की लकड़ी के सहारे झुक कर खड़ा हो गया। अब एक आदमी ने एक लाल गेंद निकाली और अपनी सफेद पैंट पर रगड़ने लगा। फिर उसने दौड़ते हुए आकाश की ओर हाथ उठा अजीबोगरीब तरीके से वह गेंद डंडा ले झुके हुए आदमी की ओर फेंक दी। लकड़ीवाले आदमी ने जोर से अपनी लकड़ी से गेंद को उपर आकाश में उछाल दिया और उसी समय ऐसा पानी बरसना शुरु हुआ जो घंटों बरसता रहा। पानी बरसाने का ऐसा जादू ना कभी मैने देखा था ना सुना था। इसीलिये कहता हूं कि हमारे काले जादू से उनका सफेद जादू ज्यादा बेहतर है। इसी की बदौलत वे संसार पर राज करते हैं।