शुक्रवार, 31 जुलाई 2009

? इनका जवाब किसी के पास भी नही है

? सन 1814, सितंबर के महिने में, फ्रांस के एजिन शहर के आसमान पर एक बादल का टुकड़ा उमड़ता है। अचानक एक जोर की आवाज के साथ उसमें से कंकड़- पत्थरों के साथ बारिश होने लगती है।ऐसा ही कुछ सन 2000 में इथोपिया मे भी हुआ था जब आसमान से मछलियों की बरसात हुई थी।

? वर्ष 1821, प्रख्यात भूगर्भशास्त्री डेविड वर्च्यु ने अपने काम के सिलसिले में एक चट्टान की खुदाई की। उसी दौरान करीब 20-25 फुट की गहराई पर उन्होंने एक भूरे रंग के छिपकली नुमा जानवर को दबे पाया। वह मरा हुआ दिख रहा था। पर रोशनी और हवा के मिलते ही वह हिला और भाग गया।

? सन
1908, 30 जून, साईबेरिया के एक प्रांत तुंगुस्का के हाड़ी टापू पर आसमान से आग का एक गोला गिरता है जो तकरीबन आधे टापू पर बिखर जाता है। इसका विस्फोट इतना जोरदार होता है कि टापू के सारे पेड़-पौधों का नमोनिशान मिट जाता है।

? सन 1977, अमेरिका और ब्रिटेन में एक साथ हजारों लोगों ने एक अजीब सी भिनभिनाहट जैसी आवाजें सुनी। इससे हजारों लोग रात को सो नहीं पाये थे।

? जनवरी 1984, रूस का एक विमान अपने गंतव्य की ओर बढ रहा था कि अचानक उसमें एक चमकीली गोल सी वस्तु घुस आयी। अचंभित यात्रियों के सर पर कुछ देर मंडराने के पश्चात यह गायब हो गयी।

? पश्चिमी टेक्सास में हाईवे-90 से कुछ ही दूरी पर आकाश में दिखने वाली रोशनी एक रहस्यमय अजूबा है।

? 80 के दशक में दिल्ली के विश्व्विद्यालय क्षेत्र में एक सीमित जगह को तहस-नहस करने वाला बवंडर अभी तक रहस्य के आवरण में लिपटा हुआ है।

9 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत रोचक जानकारियां मिली जी.

रामराम.

Urmi ने कहा…

आपके पोस्ट के दौरान अच्छी जानकारी प्राप्त हुई! बहुत बढ़िया लगा!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

लाजवाब पोस्ट.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

यहां भारत में भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं जिसे भानामति का प्रभाव कहा जाता है।

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

रोचक जानकारी है।

Himanshu Pandey ने कहा…

सब कुछ लाजवाब । रोचक जानकारियाँ ।

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

समर्थ गुरु रामदास ने शिवाजी से एक पत्थर तुड़वाया उसमे से भी जिन्दा मेढक निकला . जिससे शिवाजी का अहंकार टूटा

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जानकारी के लिए आभार!

Neha Pathak ने कहा…

rochak jaankari ke liye dhanyavaad...

विशिष्ट पोस्ट

इतिहास किसी के प्रति भी दयालु नहीं होता

इतिहास नहीं मानता किन्हीं भावनात्मक बातों को ! यदि वह भी ऐसा करता तो रावण, कंस, चंगेज, स्टालिन, हिटलर जैसे लोगों पर गढ़ी हुई अच्छाईयों की कहा...