प्रकृति की अनमोल सौगातों में से एक है पपीता। इसके पत्ते, बीज, फल, दूध सभी भागों का उपयोग लाभप्रद होता है। इसके कच्चे फल से निकला सफेद रंग का तरल द्रव्य जिसे "पपेन" के नाम से जाना जाता है, अपने आप में एक बेहतरीन औषध है।
इसके पत्तों को सुखा कर बनाया गया चूर्ण शहद के साथ लेने से पेट की वायु का शमन होता है। दिल की धड़कन काबू में रहती है।
कच्चे पपीते से निकले दूध जैसे द्रव्य को सुखा कर बनाया गया चुर्ण एक श्रेष्ठ पाचक होता है। खाने के साथ एक चौथाई चम्मच पानी के साथ लेने से तुरंत फायदा होता है। अजीर्ण रोग में, त्वचा रोगों में, यकृत के दोष में तथा पेट में कीड़े होने पर यह बहुत फायदेमंद रहता है।
कच्चे पपीते की सब्जी पेट के लिये बहुत मुफीद होती है। बुखार इत्यादि के दौरान इसका सेवन बहुत उपयोगी रहता है। वहीं पका पपीता पथरी, कृमि, अपच, कब्ज से मुक्ति दिलाता है। इसे खाने से मुंह के विकार दूर हो जाते हैं। मां के दुध में वृद्धिकारक होता है। पर यह अच्छी तरह से पका हुआ होना चाहिये।
पपीते का फल तो फल इसके बीज भी बहुत गुणकारी होते हैं। यह एक उत्तम कृमिनाशक है। बीजों को सुखा कर उनका चुर्ण बना कर एक छोटा चम्मच दो सप्ताह लेने से असर दिखाई देने लगता है।
देखा जाय तो बिमार पड़ने से पहले ही यदि अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए अपने बुजुर्गों के परिक्षित घरेलु नुस्खों को, जो उनके वर्षों के अनुभवों का निचोड़ होते हैं, हम आजमा लें तो फायदा ही होगा, नुक्सान का सवाल ही नहीं पैदा होता क्योंकि ये सब घर में उपलब्ध खाद्य सामग्री या मसालों से ही बने होते हैं। जरूरत होती है सिर्फ उनके कहे पर विश्वास की।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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14 टिप्पणियां:
ज्ञानवर्धक जानकारी. लगता है आजकल बाज़ार में जो पपीता मिलता है उसका दूध निकला हुआ होता है. संभवतः जब वह कच्चा होता है उस समय सुई से कई जगह टोचा जाता है जिसके कारण सफ़ेद द्रव्य निकलने लगता है. इसे इंजेक्शन के माध्यम से खींच लिया जाता है.इस तरह जो पपीता मिलता है उसके महत्वपूर्ण तत्व (पेपेन) गायब रहता है.
ज्ञानवर्धक एवं स्वास्थयवर्धक!!
बड़ी उत्तम जानकारी दे बैठे आप तो !
ज्ञानवर्धक एवं स्वास्थयवर्धक!धन्यवाद .
ज्ञानवर्धक जानकारी.
पपीता खाने के लिए अपने यहाँ कई पेड़ लगवाए है . मुझे तो पपीते का शेक बहुत अच्छे लगता है
बहुत सुंदर जानकारी दी आप ने,
धन्यवाद
aaj se main toh roz papita khaunga
waah
achhi post !
सुझाव के लिए, धन्यवाद!
अति उत्तम जानकारी मिली जी. धन्यवाद.
रामराम
पपीता तो बहुत उत्तम है, आपने निसंदेह ज्ञानवर्धन किया है.
सुब्रमनियन जी,
बाज़ार को एक बार पता चल जाना चाहिये कि लोगों का रुझान किधर है। बस उस चीज की या तो कीमत बढ जायेगी या फिर उसका कोई ऐसा-वैसा रूप बाज़ार में मिलने लगेगा। यही हाल 'पपेन' का हुआ है। उसके औषधिय गुणों के सामने आते ही बेचारे पपीते की ऐसी की तैसी होनी शुरु हो गयी है।
सच में बिल्कुल अलग सा है आपका ब्लॉग। मेरे साथ ही आम लोगों के लिए भी बहुत मुफ़ीद है।
आपने पपीता के बारे मे अच्छी जानकारी दी मेरी प्लेटिनेटस कम हो गयी है आज से इसके पत्तो का जूस लेना शुर्ऱ कर
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