एक ब्राह्मण और उसका बेटा एक भोज में आमंत्रित थे। पंगत लगी खाना शुरु हुआ। कुछ खाने के बाद बेटे ने पानी पी लिया। बाप ने उसकी यह हरकत देख ली। घर पहुंचते ही उसने एक तमाचा बेटे के गाल पर जड़ दिया। हतप्रभ बेटे ने मारने का कारण पूछा तो बाप ने कहा, बेवकूफ खाते-खाते पानी क्यूं पिया, उसके बदले आठ-दस पूड़ियां और नहीं खा सकता था? यह सुन बेटा बोला, क्या बापू बेकार में मार दिया, मैं तो खाने की तह जमा रहा था। यह सुनते ही बाप ने एक और तमाचा मार दिया। बेटा बोला, अब क्या हुआ? बाप चिल्लाया, अरे गधे यह बात मुझे नहीं बता सकता था।
कुछ दिनों बाद ही राखी का त्योहार था। उसी बाप ने बेटे को बहन के घर भेज दिया। कन्या भी इन्हीं के खानदान से थी। उसने खाली थाली सामने रखी, खाली अंगुठे से माथा छू कर तिलक लगाने की रस्म पूरी की। खाली थाली से आरती उतारी और वैसे ही बिना राखी या धागे के लड़के की कलाई के चारों ओर हाथ घुमा राखी बांधने का स्वांग कर दिया। अब लड़के को शगुन देना था, उसने दोनों हाथ फैलाये और बोला, ले तेरे लिये तरबूज लाया था, रख ले। घर लौटने पर बाप ने पूछा कि बहन को क्या देकर आया? लड़के ने कहा, तरबूज देकर आया हूं। बाप ने पूछा कितना बड़ा था, लड़के ने हाथ फैला कर दिखाया ही था कि बाप गरजा, बेवकूफ, इतना हाथ फैलाने की क्या जरूरत थी, थोड़ा कम हाथ नहीं फैला सकता था। ******************************************
पता नहीं क्यूं पिछले कुछ दिनों से ज्यादातर दुसरे ब्लाग नहीं खुल पा रहे हैं। आज बड़ी देर बाद ताऊजी का ब्लाग खुल पाया है।
कुछ दिनों बाद ही राखी का त्योहार था। उसी बाप ने बेटे को बहन के घर भेज दिया। कन्या भी इन्हीं के खानदान से थी। उसने खाली थाली सामने रखी, खाली अंगुठे से माथा छू कर तिलक लगाने की रस्म पूरी की। खाली थाली से आरती उतारी और वैसे ही बिना राखी या धागे के लड़के की कलाई के चारों ओर हाथ घुमा राखी बांधने का स्वांग कर दिया। अब लड़के को शगुन देना था, उसने दोनों हाथ फैलाये और बोला, ले तेरे लिये तरबूज लाया था, रख ले। घर लौटने पर बाप ने पूछा कि बहन को क्या देकर आया? लड़के ने कहा, तरबूज देकर आया हूं। बाप ने पूछा कितना बड़ा था, लड़के ने हाथ फैला कर दिखाया ही था कि बाप गरजा, बेवकूफ, इतना हाथ फैलाने की क्या जरूरत थी, थोड़ा कम हाथ नहीं फैला सकता था। ******************************************
पता नहीं क्यूं पिछले कुछ दिनों से ज्यादातर दुसरे ब्लाग नहीं खुल पा रहे हैं। आज बड़ी देर बाद ताऊजी का ब्लाग खुल पाया है।
17 टिप्पणियां:
badhiya raha kissa
suna hua tha lekin maja aaya
aap kaun sa browser use karte hain ?
chrome men to aisa nahi hona chaahiye
badhiya kissa
sahi hai..haath failaane me bhi kanjoosi!
खुदा बचाये ऐसे लोगों से:)
नाम रोशन कर दिया.
ha ha bahut hi badhiya:) , haan ye blog naa khulne ki samasya se hum bhi pratadit hai,kabhi kuch khul jate hai kabhi nahi.
बहुत बढ़िया. आभार.
वाह...क्या बात है।
हास भी ओर कथा भी।
बधाई।
जय हो..आपकी पहचान भी एक से एक लोगों से है..मेरा ब्लॉग खोलने की कोशिश की क्या?? :)
बहुत अच्छे ।
ब्लाग तो सभी खुल रहे हैं शायद आपकी बैडविडथ की समस्या लग रही है।
बहुत खूब ....बढिया किस्सा ........!!
हाँ ये सच है ब्लॉग खोने में परेशानी हो रही है ....!!
'खोलने' padhein
"पता नहीं क्यूं पिछले कुछ दिनों से ज्यादातर दुसरे ब्लाग नहीं खुल पा रहे हैं।"
ज़रा हाथ कम फैलाते तो शायद जल्दि खुल जाते:)
बहुत बढिया..
बहुत बढ़िया.
आभार/शुभमगल
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ
अच्छी कहानी ...
अगर खोलने में दिक्कत आ रही है तो उन्हें गूगल क्रोम पर खोलिए वो खुल जायेंगे
बढिया!!!!
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