पिछले दिनों हिमाचल यात्रा के दौरान एक आश्चर्य जनक जानकारी मिली। एक जगह कथा के दौरान कथावाचक पंडितजी ने हनुमानजी के पांच छोटे भाईयों का जिक्र किया। जिनके नाम उन्होंने क्रमश: - मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान बताये। इसके साथ ही यह भी बताया कि वह सब विवाहित थे। पंडित जी की विद्वत्ता पर शक नहीं किया जा सकता था, कथा और भाषा पर उनकी पकड़ अद्भुत थी। पर उनसे अपनी शंका का समाधान करने का अवसर और समय नहीं मिल पाया। हनुमानजी के इन अनुजों का मैंने आज तक कभी भी कहीं भी जिक्र न सुना है न पढा है। ऐसा क्यूं है कि कहीं भी इनके सहयोग का राम कथा में उल्लेख नहीं है। अब सारे ब्लागर भाईयों से ही यह उम्मीद है कि यदि किसी को इस बारे में कुछ जानकारी हो तो उसे हमारे बीच बांटे, जिससे इस शंका का समाधान हो सके। इंतजार रहेगा।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
दीपक, दीपोत्सव का केंद्र
अच्छाई की बुराई पर जीत की जद्दोजहद, अंधेरे और उजाले के सदियों से चले आ रहे महा-समर, निराशा को दूर कर आशा की लौ जलाए रखने की पुरजोर कोशिश ! च...
-
कल रात अपने एक राजस्थानी मित्र के चिरंजीव की शादी में जाना हुआ था। बातों ही बातों में पता चला कि राजस्थानी भाषा में पति और पत्नी के लिए अलग...
-
शहद, एक हल्का पीलापन लिये हुए बादामी रंग का गाढ़ा तरल पदार्थ है। वैसे इसका रंग-रूप, इसके छत्ते के लगने वाली जगह और आस-पास के फूलों पर ज्याद...
-
आज हम एक कोहेनूर का जिक्र होते ही भावनाओं में खो जाते हैं। तख्ते ताऊस में तो वैसे सैंकड़ों हीरे जड़े हुए थे। हीरे-जवाहरात तो अपनी जगह, उस ...
-
चलती गाड़ी में अपने शरीर का कोई अंग बाहर न निकालें :) 1, ट्रेन में बैठे श्रीमान जी काफी परेशान थे। बार-बार कसमसा कर पहलू बदल रहे थे। चेहरे...
-
हनुमान जी के चिरंजीवी होने के रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए पिदुरु के आदिवासियों की हनु पुस्तिका आजकल " सेतु एशिया" नामक...
-
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। हमारे तिरंगे के सम्मान में लिखा गया यह गीत जब भी सुनाई देता है, रोम-रोम पुल्कित हो जाता ...
-
युवक अपने बच्चे को हिंदी वर्णमाला के अक्षरों से परिचित करवा रहा था। आजकल के अंग्रेजियत के समय में यह एक दुर्लभ वार्तालाप था सो मेरा स...
-
"बिजली का तेल" यह क्या होता है ? मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि बिजली के ट्रांस्फार्मरों में जो तेल डाला जाता है वह लगातार &...
-
कहते हैं कि विधि का लेख मिटाए नहीं मिटता। कितनों ने कितनी तरह की कोशीशें की पर हुआ वही जो निर्धारित था। राजा लायस और उसकी पत्नी जोकास्टा। ...
-
अपनी एक पुरानी डायरी मे यह रोचक प्रसंग मिला, कैसा रहा बताइयेगा :- काफी पुरानी बात है। अंग्रेजों का बोलबाला सारे संसार में क्यूं है? क्य...
15 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया जानकारी दी है ....
अद़्भुत जानकारी.....
अच्छी जानकारी है .. धन्यवाद।
किसी चैनल वालों को बताएँ, वे उन के रहने का स्थान तलाश लाएंगे।
रामायण में भी भिन्नताएं हैं. आप गूगल में सर्च कर देखें. थाईलैंड का रामायण, इंडोनेशिया का रामायण या कम्बोडिया का रामायण. शायद एक जगह "राम केन" कहा गया है. उनकी कथाएँ भी अजीबो गरीब हैं. बहुत सालों पहले हमने सेव कर रखा था लेकिन अब नहीं रहा.
हम तो खुद पहली बार आपकी कलम से जान रहे हैं यह गुढ़ रहस्य!!
अदभुत, बहुत बढि़या। हमारे समाज का आज का बहुत अहम और केन्द्रीय सवाल है। वैसे आपको यह भी पता लगाना चाहिए कि क्या हनुमानजी अभी जिन्दा हैं। लोग कहते तो हैं।
हम तो खुद पहली बार आपके ब्लाग पर यह जानकारी मिली बहुत बढ़िया जानकारी दी है ....
पहले कभी सुना नहीं
nayi taza khabar
अनिल जी,
यह खबर नहीं प्रश्न है।
हमें तो यह जानकारी पहली बार मिल रही है !
its an interesting information and brilliant blog...
कपिल जी, मैं ही क्यूं आप भी क्यूं नहीं?
ये हैं हनुमान जी के 5 सगे भाई…. http://www.hindi.pardaphash.com/news/know-about-5-brothers-of-hanumanji/469686.html
एक टिप्पणी भेजें