रविवार, 2 नवंबर 2008

संता–बंता, वे नाम जो मुर्झाए चेहरों पर रौनक ला देते हैं

संता सपत्निक विदेश घुमने गये। देशाटन के दौरान वे इटली पहुंचे। वहां एक जगह गाईड ने एक कुआं दिखलाया। जिसमें सिक्का डालने से हर मुराद पूरी हो जाती थी। संता ने पहले सिक्का डाला और अपनी मन्नत मांगी। फिर उनकी बीवी कुँए पर गयी और जैसे ही सिक्का डालने लगी उसका पैर अचानक फिसला और वह कूएं में गिर पड़ी। यह देखते ही संता बोला, अरे इतनी जल्दी मन्नत पूरी हो जाती है। पता ना था।
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भारत आने के पहले बंता कनाडा में रहता था। इसी घटना के बाद उसने भारत में बसने का फैसला किया था। हुआ यह कि एक बार उसे दिल का दौरा पड़ गया। एम्बुलेंस उसे घर ले आयी। रास्ते भर वह हरि ओम का जाप करता रहा। उसके घर पहुंचते ही उसकी बीवी ने एम्बुलेंस वालों को फटकारा कि आप इन्हें सीधे हास्पिटल क्यों नहीं ले गये।एम्बुलेंस वाले बोले, मैडम यू सी, पूरा रास्टे सर hurry home, hurry home बोलटा आया हाय।
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बंता तो बंता उसका बेटा भी टू मच है। एक दिन सबेरे उठ कर अपनी मां से बोला, मम्मी-मम्मी, रात को कमाल हो गया। जैसे ही मैने टायलेट का दरवाजा खोला, लाईट अपने-आप जल गयी। मम्मी चिल्लाई, अरे बेवकूफ, तुने कहीं फ्रिज में ही तो ----------------------------------------

4 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

हा हा हा । बहुत मजेदार।

राज भाटिय़ा ने कहा…

हरि ओम हरि ओम, बहुत सुन्दर मजा आ गया यह सब पढ कर
धन्यवाद

Vivek Gupta ने कहा…

सुंदर

mehek ने कहा…

ha ha bahut hi mazedar ek muskan le ate hai santa banta,khas kar hurry home:)

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