GOD
G :- Generator
O :- Operator
D :- destroyer
कुछ अलग सा :-
१, जो किसी एक को मारे - खूनी
सारा समाज, क़ानून, सारे लोग उसके विरुद्ध खड़े होते हैं।
२, जो किन्हीं दस को मारे - पुलिस
उनके काम पर भी ऊंगलियाँ उठती हैं। उन्हें अपने कृत्य की सफाई में कई पापड बेलने पड़ते हैं।
३, जो सौ को मारे - फौजी या सैनिक
सारे संसार की नजरें रहती है। भले-बुरे का जवाब देना और भुगतना पड़ता है।
४, जो सब को मारे - भगवान
कुछ भी हो जाए, दुनिया तहस-नहस हो जाए। फिर भी पूजा-अर्चना में कमी न आ कर और बढोत्तरी ही होती है।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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10 टिप्पणियां:
सही कहा जी
लेकिन जो सबको जन्माये, सबका पालन करे वह भी तो भगवान ही है
इलैक्ट्रोन, प्रोटोन, न्यूट्रान यानि ब्रह्मा, विष्णु, महेश
प्रणाम स्वीकार करें
भगवान की इच्छा के विरूद्ध खूनी , पुलिस या सैनिक भी किसी को नहीं मार सकते .. इसलिए तो श्रद्धा से भगवान की पूजा कम होती है .. भया के कारण अधिक .. जब हम मान लें कि भगवान भी पुलिस या सैनिकों की तरह गलत कर्म करनेवालों को उसकी सजा देते होगे .. भगवान का भय भूल हम अपने कर्मों पर ध्यान दे सकेंगे !!
पूजा पाठ अलग मसला है। भगवान वही है जो सबका पालन-पोषण करे।
परिभाषाएँ बहुत ही जोरदार दी हैं!
सर जोरदार डेफीनेसन दी है आनंद आ गया ....
निगलना चाहा, गले से नीचे नहीं उतरा :)
kyaa aajkal naati poto ke sath time paas kar rahe hain?.. lage rahiye vahi sahi hai
सही है!!
कमाल के बातें ...
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