शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

जो सब को मारे वह भगवान

GOD
G :- Generator
O :- Operator
D :- destroyer

कुछ अलग सा :-

१, जो किसी एक को मारे - खूनी

सारा समाज, क़ानून, सारे लोग उसके विरुद्ध खड़े होते हैं।

२, जो किन्हीं दस को मारे - पुलिस

उनके काम पर भी ऊंगलियाँ उठती हैं। उन्हें अपने कृत्य की सफाई में कई पापड बेलने पड़ते हैं।

३, जो सौ को मारे - फौजी या सैनिक

सारे संसार की नजरें रहती है। भले-बुरे का जवाब देना और भुगतना पड़ता है।

४, जो सब को मारे - भगवान

कुछ भी हो जाए, दुनिया तहस-नहस हो जाए। फिर भी पूजा-अर्चना में कमी न आ कर और बढोत्तरी ही होती है।

10 टिप्‍पणियां:

अन्तर सोहिल ने कहा…

सही कहा जी
लेकिन जो सबको जन्माये, सबका पालन करे वह भी तो भगवान ही है
इलैक्ट्रोन, प्रोटोन, न्यूट्रान यानि ब्रह्मा, विष्णु, महेश

प्रणाम स्वीकार करें

संगीता पुरी ने कहा…

भगवान की इच्‍छा के विरूद्ध खूनी , पुलिस या सैनिक भी किसी को नहीं मार सकते .. इसलिए तो श्रद्धा से भगवान की पूजा कम होती है .. भया के कारण अधिक .. जब हम मान लें कि भगवान भी पुलिस या सैनिकों की तरह गलत कर्म करनेवालों को उसकी सजा देते होगे .. भगवान का भय भूल हम अपने कर्मों पर ध्‍यान दे सकेंगे !!

संगीता पुरी ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Jandunia ने कहा…

पूजा पाठ अलग मसला है। भगवान वही है जो सबका पालन-पोषण करे।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

परिभाषाएँ बहुत ही जोरदार दी हैं!

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

सर जोरदार डेफीनेसन दी है आनंद आ गया ....

वीनस केसरी ने कहा…

निगलना चाहा, गले से नीचे नहीं उतरा :)

बेनामी ने कहा…

kyaa aajkal naati poto ke sath time paas kar rahe hain?.. lage rahiye vahi sahi hai

Udan Tashtari ने कहा…

सही है!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कमाल के बातें ...

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