विश्वास करें तो पूरा करें, नहीं तो न करें :-)
दो दोस्त जंगल में ट्रैकिंग के लिये गये। अचानक एक बेहोश हो कर गिर पड़ा और मर गया, दूसरे ने घबड़ा कर मोबाईल से हेल्प लाईन पर फोन कर मदद मांगी कि मेरा दोस्त घने जंगल में मर गया है मुझे सहायता की जरूरत है। उधर से पूछा गया कि क्या तुम्हे विश्वास है कि वह मर गया है। फोन पर एक पल की चुप्पी के बाद गोली चलने की आवाज आई,
फिर जवाब आया, हां।
**************************************************
तीन दोस्तों को जंगल में घूमते-घूमते रात हो गयी और वे रास्ता भूल गये। पहले ने प्रार्थना की कि हे प्रभू किसी भी तरह मुझे घर पहुंचा दो, घर पर सब चिंता कर रहे होंगे। प्रभू ने उसकी बात सुनी और वह वहां से गायब हो घर पहुंच गया। दूसरे ने भी अपने भगवान को याद कर इस मुसीबत से छुटकारा मांगा, वह भी गायब हो अपने घर पहुंच गया। अब तीसरा डर के मारे रोने लगा। उसको रोता देख आकाशवाणी हुई कि बच्चे क्यों रो रहा है, बोल मैं तेरी क्या सहायता करूं। ये बोला प्रभू बहुत डर लग रहा है मेरे दोस्तों को मेरे पास भेज दो। अगले पल ही उसकी इच्छा पूरी हो गयी।
*************************************************
एक भला आदमी रात में दुर्घटना ग्रस्त हो खाई में गिर पडा। गिरते हुए किसी तरह उसके हाथ में एक पेड़ की डाल आ गयी जिसे पकड़ कर वह लटक गया और चिल्लाने लगा कि कोई है मुझे बचाओ। उसे इस हालत में देख भगवान को दया आ गयी और आकाशवाणी हुई कि बच्चे जिस डाल को पकड रक्खा है उसे छोड दे तेरे नीचे जगह है बचने की। उस भले आदमी ने आवाज सुनी, फिर दूसरी तरफ़ मुंह कर चिल्लाया,
अरे कोई है, मुझे बचाओ!!!
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
ठेका, चाय की दुकान का
यह शै ऐसी है कि इसकी दुकान का नाम दूसरी आम दुकानों की तरह तो रखा नहीं जा सकता, इसलिए बड़े-बड़े अक्षरों में ठेका देसी या अंग्रेजी शराब लिख उसक...
-
कल रात अपने एक राजस्थानी मित्र के चिरंजीव की शादी में जाना हुआ था। बातों ही बातों में पता चला कि राजस्थानी भाषा में पति और पत्नी के लिए अलग...
-
शहद, एक हल्का पीलापन लिये हुए बादामी रंग का गाढ़ा तरल पदार्थ है। वैसे इसका रंग-रूप, इसके छत्ते के लगने वाली जगह और आस-पास के फूलों पर ज्याद...
-
आज हम एक कोहेनूर का जिक्र होते ही भावनाओं में खो जाते हैं। तख्ते ताऊस में तो वैसे सैंकड़ों हीरे जड़े हुए थे। हीरे-जवाहरात तो अपनी जगह, उस ...
-
चलती गाड़ी में अपने शरीर का कोई अंग बाहर न निकालें :) 1, ट्रेन में बैठे श्रीमान जी काफी परेशान थे। बार-बार कसमसा कर पहलू बदल रहे थे। चेहरे...
-
हनुमान जी के चिरंजीवी होने के रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए पिदुरु के आदिवासियों की हनु पुस्तिका आजकल " सेतु एशिया" नामक...
-
युवक अपने बच्चे को हिंदी वर्णमाला के अक्षरों से परिचित करवा रहा था। आजकल के अंग्रेजियत के समय में यह एक दुर्लभ वार्तालाप था सो मेरा स...
-
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। हमारे तिरंगे के सम्मान में लिखा गया यह गीत जब भी सुनाई देता है, रोम-रोम पुल्कित हो जाता ...
-
"बिजली का तेल" यह क्या होता है ? मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि बिजली के ट्रांस्फार्मरों में जो तेल डाला जाता है वह लगातार ...
-
कहते हैं कि विधि का लेख मिटाए नहीं मिटता। कितनों ने कितनी तरह की कोशीशें की पर हुआ वही जो निर्धारित था। राजा लायस और उसकी पत्नी जोकास्टा। ...
-
अपनी एक पुरानी डायरी मे यह रोचक प्रसंग मिला, कैसा रहा बताइयेगा :- काफी पुरानी बात है। अंग्रेजों का बोलबाला सारे संसार में क्यूं है? क्य...
5 टिप्पणियां:
बात समझ नहीं आयी आप कहना क्या चाह रहे हैं। वैसे अंधविश्वास और विश्वास में क्या अन्तर होता है जरा सोचकर बचायें ??
ji aapne bilkul sahi kaha hai kyoki viswash par hi duniya kayam hai.
दोनों बढ़िया पहले के..आखिरी वाला दो बार पढ़ा मगर समझ नहीं आया.
आप कहते हैं तो विश्वास कर ही लेते हैं!
समीरजी, अब कौन कैसे किसी का विश्वास करे!!
आकाशवाणी हुई कि बच्चे डाल छोड़ दे, नीचे बचने की जगह है।
पर मुसीबत में फसे को विश्वास नहीं हुआ और उसने फिर किसी "इसी जगत वाले" से बचाने के लिए गुहार लगाई। :)
एक टिप्पणी भेजें