शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

एक चौंकाऊ खबर, पक्षियों में भी "गे" होने लगे

एक हैरतंगेज खबर आज ही पढने को मिली। विश्वास तो नहीं होता पर खबर तो खबर है, कुछ तो सच्चाई होगी।

बात है इंग्लैंड़ की। वहां डोरसेट की एबट्सबरी की हंसों की नर्सरी में एक नर हंसों का जोड़ा ऐसा है जिसे मादा साथियों में कोई दिलचस्पी नहीं है। नर्सरी के प्रवक्ता 'ड़ेव व्हिलर' बताते हैं कि 2002 से दोनों पक्षी अंड़ों से निकले हैं तभी से साथ-साथ रहते आये हैं। दोनों मार्च के महीने में मिल कर अपना घोंसला बनाते हैं। हसों के प्रजनन काल में आपस में आम पक्षियों की तरह सारी दिनचर्या पूरी करते हैं। यहां तक की अपने घोंसले में इस तरह बैठते हैं जैसे अंडे देने वाले हों।

नर्सरी के प्रबंधक जान ह्युस्टन हंसते हुए कहते हैं कि यहां के 1000-1200 पक्षियों में यह एक मात्र जोड़ा "गे" है। इनकी हरकतें देख कर बहुत मजा आता है। कभी-कभी ये दोनों लड़ भी पड़ते हैं।

अब यह तो शोध का विषय है कि ऐसा आचरण पहले मनुष्यों में आया या पशु पक्षी पहले से ही ऐसा व्यवहार करते थे। जिसका पता इंसान को अब तक नहीं लग पाया था। या यह "अप्राकृतिक" कृत्य मनुष्य की ही देन है जो यहां से वहां और ना जाने कहां तक फैलता जा रहा है।

4 टिप्‍पणियां:

Shekhar Kumawat ने कहा…

chalo achi jankari he

shkaher kumawat

http://kavyawani.blogspot.com/

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अन्तर यह है कि हमरी दोस्ती दिखावटी और इनकी दोस्ती सच्ची ओर निःस्वार्थ होती है!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

वैसे जानवरों में 'गे' आदतें... मैंने देखीं हैं.... मैं जानवर पालने का बहुत शौक़ीन हूँ.... और कुत्तों पर बहुत रिसर्च किया है मैंने....मेरे पास ऐसे ३ तीन कुत्ते थे पहले... जो 'गे" बिहैवियर करते थे.... और बहुत पहले हमारी गायों ने बछड़ों को जन्म दिया था.... उन बछड़ों में भी मैंने 'गे" बेहैवियर देखा था.... जैसे इंसानों में भी गे और लेस्बियन आसानी से पहचान में आ जाते हैं..... वैसे ही जानवरों में भी आसानी से पहचाने जा सकते हैं.... बस आपका ओब्ज़र्वेशन सही होना चाहिए.... और आना चाहिए.... मशहूर..... ORNITHOLOGIST.....स्व. सालिम अली.... ने परिंदों में Bi-sexualty....को बताया था.... और गे...बिहावियर के बारे में भी बताया था.... आपका यह लेख बहुत अच्छा लगा.... ऐसे मुद्दे अच्छे लगते हैं....

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

मित्रता और गे होना दोनों अलग बात है। स्‍पष्‍ट करें।

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