1, खादी, खाद का काम करती है, तभी तो इसे पहनने वाला हरा भरा हो जाता है।
2, पेड़ जो लगाये गये वे तो बच ना सके, पर फोटो जो खिंचवाए गये वे सुरक्षित रह गये।
3, नयी बनी दिवार दूसरे दिन ही 'आ' रही, ठेकेदार तो बच गया, ठेका दिलाने वाले को दबा गयी।
4, जाने कैसी ऊंगलियां हैं, जाने क्या अंदाज है। तुमने पत्तों को छुआ था, जड़ें हिला कर रख दीं।
5, तुम्हारे हुस्न का हुक्का बुझ चुका है जानम, वह तो हमीं हैं जो गुड़गुड़ाए जाते हैं।
2, पेड़ जो लगाये गये वे तो बच ना सके, पर फोटो जो खिंचवाए गये वे सुरक्षित रह गये।
3, नयी बनी दिवार दूसरे दिन ही 'आ' रही, ठेकेदार तो बच गया, ठेका दिलाने वाले को दबा गयी।
4, जाने कैसी ऊंगलियां हैं, जाने क्या अंदाज है। तुमने पत्तों को छुआ था, जड़ें हिला कर रख दीं।
5, तुम्हारे हुस्न का हुक्का बुझ चुका है जानम, वह तो हमीं हैं जो गुड़गुड़ाए जाते हैं।
15 टिप्पणियां:
गुड़गुड़ाते रहिये...बहुत बेहतरीन!!
बढि़या है..
हा हा हा
बेहतरीन, मजा आ गया जी।
राम राम
बढ़िया व्यंग...
sabhi panktiyan jandaar hai...jad hilane wali to bahut khoob...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
बहुत खूब कही.
हुक्के की तंबाकू ताजी होनी चाहिये फ़िर क्या?:)
रामराम
अजी हुक्के का पानी बदलते रहे..... फ़िर तो बुझा हुक्का भी अच्छा लगता है:)
behtareennnnnnn
शानदार
बहुत खूब
मज़ा आ गया
बहुत ही जाणदार लिखो है आपने। आपको बुहुत-बुहुत मुबारक जी।
बहुत ही जाणदार लिखो है आपने। आपको बुहुत-बुहुत मुबारक जी।
good ji
जलजला जी,
आपका स्वागत है। भाले की नोक तक गया था पर आपसे मुलाकात नहीं हो सकी। मिल कर खुशी होगी।
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