सोमवार, 30 नवंबर 2009

आयोडीन नमक जरूरी है क्या ?

सवाल बहुत देर से उठ रहा है। पर है सोचने लायक। सदियों से साधारण नमक खाते-खाते, क्या सचमुच ही हमें अब आयोडीन की जरूरत आन पड़ी थी?
या यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत ही हुआ था और रुपये का दो किलो मिलने वाला नमक आज दस रुपये किलो में लोग लेने को मजबूर कर दिए गए हैं। कुछ समय पहले आप सब को याद होगा, ऐसा ही एक षड्यंत्र सरसों के तेल को लेकर भी रचा गया था। उसी सरसों के तेल को जिसका उपयोग हमारे यहाँ पता नहीं कब से होता आया है और बहुत से परिवारों में तो बना इस तेल के भोजन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

मनुष्य के शरीर को आयोडीन चाहिए, पर कितना? आप सब के विचार जानना चाहता हूँ। असलियत कल।

5 टिप्‍पणियां:

उम्दा सोच ने कहा…

मझे तो ससुरा ये पावर और एक्स्ट्रा मील पेट्रोल भी समझ नहीं आता है !

यहाँ मामला फ्रीफ्लो वाला ज्यादा है !


असलियत जानने के लिए कल का इंतज़ार!!!

राज भाटिय़ा ने कहा…

्शर्मा जी सब गोल माल है जी

Udan Tashtari ने कहा…

आपसे ही असलियत कल जान लेंगे.

Anil Pusadkar ने कहा…

बापू के डांडी के नमक को पीछे छोडने की साजिश है ये,बाकि असलियत तो आप कल बता ही देंगे।सही सवाल उठाया शर्मा जी।

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

बापू के डांडी के नमक को पीछे छोडने की साजिश है ये,बाकि असलियत तो आप कल बता ही देंगे।सही सवाल उठाया शर्मा जी।

सहमत !!!!

विशिष्ट पोस्ट

सन्नाटे का शोर

स न्नाटा अक्सर भयभीत करता है ! पर कभी-कभी वही खामोशी हमें खुद को समझने-परखने का मौका भी देती है ! देखा जाए तो एक तरह से इसका शोर हमारी आत्मा...