पैसा, शोहरत या सत्ता के आते ही उससे मिली ताकत को लोग संभाल नहीं पाते। पता नहीं दिमाग में कैसा "लोचा" आ जाता है कि वह अजीबोगरीब हरकतें करवाने लग जाता है। इस तरह मिले मद को पचा नहीं पाता। शोहरतिये की तो छोड़िये उसके साथ के लगे-बंधे ही अपने आप को दूसरी दुनिया का समझने लगते हैं। उनके और उनके चाहने वालों के बारे में अखबारों में अक्सर कुछ ना कुछ छपता रहता है, वहीं से कुछ "नमूने" देखिये :-
एक मंत्रीजी हवाई दौरे पर थे। एक जगह नीचे उन्हें कुछ लोग नज़र आए तो उन्होंने वहीं अपना हेलीकाप्टर उतरवाने की जिद की। चालक के लाख समझाने पर भी उन पर कोई असर नहीं हुआ, तो सबकी जान जोखिम में डाल खेतों में काप्टर उतारना पड़ा। लदा हुआ इंसान जनता का सेवक जो था।
एक ऐसे ही सेवक के लिये उनके पिच्छलगू हाथी ही ले आये थे, हेलीपैड तक। पायलट पर क्या बीती होगी।
एक बार अपने आराध्य महोदय के लिये उनके चमचों ने हेलीपैड पर कालीन ही बिछा दिया था, कि कहीं प्रभू के पैर गंदे ना हो जायें (मन का क्या है) वह तो चालक ने दूर से देख लिया नहीं तो कालीन ने धरा का भार कुछ हल्का कर ही देना था।
ऐसा नहीं है कि हमारे देश में ही धन मति फेर देता हो, दुनिया भर में ऐसे असंयमियों के किस्से सुने जा सकते हैं।
स्पेन में सागर के सामने खड़े एक भव्य होटल में एक भद्र पुरुष को समुंद्र की आवाज से इतनी परेशानी हुई कि उन्होंने वहां के स्टाफ को बुला उसकी आवाज बंद करवाने का आदेश दे डाला।
स्पेन में ही एक सज्जन को अपने होटल का बिस्तर कुछ ऊंचा लगा तो उन्होंने पलंग के पाये ही कटवाने का हुक्म दे दिया। यह अलग बात है कि प्रबंधन ने शालिनता से ऐसा कर पाने में अपनी असमर्थता जाहिर कर दी।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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7 टिप्पणियां:
ghaas charane. ha ha ha ha
ताले में....जी...!!!
अजी दुनिया मै पागलो की कमी थोडे है, आज कल तो मंत्रियो की कुर्सी पर भी बेठे है कुछ
वो फाइवस्टार में लंच करने जाता है।
"जब पैसा आता है,
तो दिमाग पर उल्लू सवार हो जाता है!"
तो मुझे इश्वर की कृपा की याद आती है
पैसा बोलता है तो, दिमाग की आवाज दब जाती है
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