पता नहीं ऐसी कौन सी खता हो गयी कि ब्लागवानी ने मेरी "पोस्ट" लेने से इंकार कर दिया। रोज नहाता हूं , पूजा-पाठ से भी गुरेज नहीं करता, सभी के लिये दोस्ताना, आदर का भाव रखता हूं फिर कौन सी बिल्ली छींक गयी कि ऐसा-वैसा-जैसा भी समझ में आता है बिना द्वेष भाव रखे लिखे हुए में ऐसे कौन से एलर्जी के जीवाणुं आ गये जो उसे बहिष्कृत कर दिया गया। हां अपनी फोटो जरूर बदलने की जुर्रत की थी। दो दिन से लग रहा था कि कुछ तो गड़बड़ है पर ध्यान नहीं दिया। वैसे भी इस ससुरे कमप्यूटर के बारे में इतनी ही जानकारी है जितनी सूट पहनने की। कपड़ा कैसा है या दर्जी कैसे सिलता है उस बारे में शून्य बटे सन्नाटा ही रहता है। परसों ऐसे ही ब्लागवाणी के नये ब्लागों पर नजर गयी तो वहां "अलग सा" टंगा दिखा। घंटियां बजने लगीं। क्लिक किया तो बकलम खुद को पाया। पर पिछले सारे आंकड़े गायब थे। उसी को फिर ले हुजूर के दरबार में दस्कत दी तो मेहरबानी से पिछली सीट पर जगह तो मिल गायी। पर ऐसा क्यूं हुआ समझ नहीं पा रहा हूं सो आप सब के सामने दुखड़ा ले कर हाजिर हूं।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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8 टिप्पणियां:
रवि जी या पाबला शायद समाधान दें। हम तो भैया गंवार है इस मामले में :)
शर्मा जी आप के ही ब्लांग पर कोई दिक्कत होगी, काफ़ी समय से आप का फ़ीड मेरे ब्लांग पर भी नही आ रहा था, आप धयान से सारे विजेट चेक करे मेरे साथ भी यह हो चुका है, लेकिन कोई बात नही यह अपने आप ठीक हो जायेगा, क्योकि आप के ब्लांग को मेने देखा कोई भी बेकार विजेट नही, फ़िर भी बाकी साथियो की राय भी जरुरी है. वेसे नये चित्र मै बडे समार्ट लग रहे है, शायद ब्लांग बाणी ने इसी लिये "अलग सा " टांग दिया हो:)
भाटिया जी,
क्या बात है, आपने तो मेरे गुब्बारे में हवा भर दी। (:
चलिये, अब तो आ रहा है...शुभकामनाएँ.
समीर जी,
कहीं ना कहीं अभी भी गड़-बड़ है।
शर्मा जी इस समस्या का समाधान ब्लागवाणी ही कर सकती है, है तो बड़ी समस्या।
आपकी शिकायत वाजिब है।
इसका हल प्रेम जी या समीर जी ही
निकाल सकते हैं।
शुभकामनाएँ
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