शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025

अमेरिका की कार्रवाई से जुड़े, यदि, तो, जैसे कुछ अंदेशे

सबसे भयावक है कि जिस मैक्सिको की सीमा से कूद-फांद कर ये लोग अमेरिका में घुसे थे, यदि उसी मैक्सिको में वापस फेंक दिए जाते तो ? पनामा के जंगलों में घटने वाली जो थोड़ी-बहुत बातें बाहर आती हैं, वे इतनी डरावनी, भयानक व हृदय-विदारक हैं कि उनका विवरण भी नहीं किया जा सकता ! वापस तो आना दूर, वहां जो नारकीयता इन पर बीतती उसका तो अंदाज भी नहीं लगाया जा सकता ! खासकर युवतियों-महिलाओं की मुसीबतों, उनके शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न के बारे में...........!!

#हिन्दी_ब्लागिंग 

पिछले दिनों अमेरिका ने अपने यहां चोरी-छुपे, अनैतिक तथा गैर कानूनी रूप से घुसने वाले कुछ ऐसे लोगों को वापस भारत भिजवा दिया, जिन्हें ना यहां की सरकार ने, ना समाज ने, ना ही उनकी लियाकत ने इजाजत दी थी ''खच्चर वाले रास्ते'' से वहां जाने की ! ना ही जहां ये जा रहे थे, वहां की सरकार ने, या समाज ने या किसी और ने न्योता था, अपने यहां आने को ! 

जैसा कि अपने देश में होता आया है, जहां कुछ लोग मौतों में भी अपने लिए अवसर तलाशने लगते हैं, इस घटना पर भी उनके बचाव में पिंकी-गुड्डू जैसे गैंग उतर आए ! उन जैसों से ही यह सवाल है कि भाई रात के अंधेरे में यदि आपके घर कोई दिवार टाप कर अंदर घुसता है, तो क्या आप उसे डिनर खिला, उपहार दे, अपनी गाड़ी में उसके घर छोड़ने जाओगे या पहले खुद छितरैल कर पुलिस के हवाले करोगे ? 

हताशा में, बेघर हुए, नकारे हुए, हाशिए पर सरका दिए गए कुछ लोग सच को झूठ और झूठ को महा झूठ बना कर, अपने को फिर स्थापित करने का मौका तलाशते रहते हैं ! भले ही हर बार बेइज्जत हो (चाटने वाली बात कुछ भदेश हो जाती है) मुंह की खानी पड़ती हो ! ऐसे मौकापरस्तों, अवसरवादियों को किनारे कर (already they are) कुछ आशंकाओं पर नजर डाल, उनके परिणाम के बारे में सोचें तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे !   

मान लीजिए, लौटाए गए ऐसे लोगों को, जिनका ना कोई रेकॉर्ड होता है, ना ही गिनती, ना ही दस्तावेज, उन्हें कैद कर सालों-साल के लिए जेल में डाल  दिया जाता  तो ? 

आप दुनिया के सबसे ताकतवर देश में, उसकी इजाजत के बगैर, अवैध रूप से घुस-पैठ करते पकड़े जाते हो ! यदि वह अपने देश में अराजकता और हिंसा फैलाने का दोष लगा गोली ही मार देता तो, पता भी नहीं चलता ! होती किसी की हिम्मत पूछने की ? वैसे भी कितने ही मार दिए जाते हों, क्या पता ! मार कर दुर्घटना का रूप दे दिया जाता हो, क्या पता ! कितने कैसी सजा भुगत रहे हों, क्या पता !

सबसे भयावक है कि जिस मैक्सिको की सीमा से कूद-फांद कर ये लोग अमेरिका में घुसे थे, यदि उसी मैक्सिको में वापस फेंक दिए जाते तो ? पनामा के जंगल जो मानव तस्करी करने वाले सबसे खतरनाक, निष्ठुर, माफियाओं के गढ़ हैं ! जहां माफियाओं द्वारा पैसे के लिए नृशंस, पाश्विक कृत्य जानवरों तक को दहला देते हैं ! वहां घटने वाली जो थोड़ी-बहुत बातें बाहर आती हैं, वे इतनी डरावनी, भयानक व हृदय-विदारक होती हैं कि उनका विवरण भी नहीं किया जा सकता ! वहां से इनका वापस आना तो दूर, वहां जिन्दा रह पाना भी मुश्किल होता ! जो नारकीयता इन पर बीतती उसका तो अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता ! खासकर युवतियों-महिलाओं की मुसीबतों, उनके शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न के बारे में ! उनकी तो जिंदगी नर्क बन कर रह जाती !

रही एजेंटों की बात तो वे पहुंचाने के पैसे लेते हैं, लौटा कर लाने के नहीं ! सोचने की बात है जो घुस-पैठ करवाने के ही पचास-पचास लाख ले लेते हों वे उस बदतरीन परिस्थिति में क्या नहीं मांग सकते ! वैसे भी ऐसे बदनसीबों की तलाश वहां के माफिया को रहती है जो शरीर के अंगों की तस्करी करते हैं ! उनको तो एक ही शरीर से करोड़ों की आमदनी हो जाती है ! तो...................................!!

माँ-बाप को, घर के बड़ों को, परिवार को, दूसरों की शिकायत या और किसी पर दोष मढ़ने की बजाय शुक्र मनाना चाहिए कि बच्चे सशरीर घर वापस आ गए हैं ! इसके साथ ही देश के ऐसे ''गरीबों'' को सबक लेना चाहिए कि लाखों-करोड़ों खर्च कर चौबीस घंटे किसी अनहोनी के डर से आशंकित रह, 14-14 घंटे की ड्यूटी करने से कहीं बेहतर है कि बाहर जाने की लालसा त्याग, यदि देश में ही परिवार के संग रह, उन्हीं पैसों से देश में ही कुछ कर सकून की जिंदगी बसर कर ली जाए !   

9 टिप्‍पणियां:

Reva Sharma ने कहा…

सटीक विश्लेषण। भारत सबक ले।

Digvijay Agrawal ने कहा…

ऐसा क्या है अमेरिका में
जो 50 लाख खर्च करके जाकर अवैध बन रहे हैं
वही 50 लाख यदि बैंक में रखे तो साधारण ब्याज में पीढ़ियों खाएंगे
वंदन

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

रेवा जी,
''कुछ अलग सा'' पर आपका सदा स्वागत है 🙏

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

दिग्विजय जी,
वहां की कहानियां, वहां रहने वालों का यहां फैलाया गया माया जाल, यहां कुछ ना कर पाने की अपनी अक्षमता, दूसरों के वैभव का छलावा, लालसा पैदा करता है ! भले ही वह अंधे कुएं में छलांग की मानिंद हो

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सुशील जी,
स्नेह बना रहे 🙏

शिवम कुमार पाण्डेय ने कहा…

सही लिखा है सर आपने ।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शिवम जी,
स्वागत है आपका 🙏

Rupa Singh ने कहा…

ज्वलंत मुद्दा, इन घटनाओं से लोग सबक नहीं लेते। कुछ दिनों बाद यह लोगों की स्मृति से मिट जाएगा।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

रूपा जी,
सदा स्वागत है आपका 🙏

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