बाल दिवस पर सरकार की तरफ से बच्चों को हवाई जहाज की सैर करवाने का इंतजाम किया गया। छोटे प्लेन में पाइलट के अलावा एक टीचर के साथ तीन बच्चों को एक बार में घूमाने की व्यवस्था थी। एक-दो उड़ानों के बाद वहां एक नेताजी आ पहुंचे और समझाने के बावजूद, हम तो नेता हूं। हम भी मजा लूंगा बोले और जबरन प्लेन में सवार हो गये। उनके कारण दो बच्चों को नीचे ही रहना पड़ा। ऊपर पहुंचते ही प्लेन में कुछ खराबी आ गयी। पाइलट ने कहा कि सिर्फ तीन ही पैराशूट हैं एक मेरा है मैं तो कूद रहा हूं, और वह ये गया वो गया। बचे दो में से एक नेताजी ने उठा लिया बोले, हम तो नेता हूं, देश को हमरा बहूत जरूरत है, और दन से कूद गये। जहाज तेजी से नीचे की ओर जा रहा था। गुरुदेव बोले, बेटा हम दोनों में से एक ही जान बचा सकता है, मैंने तो अपनी जिंदगी जी ली है। तुम्हारे सामने भविष्य बाहें फैलाये खड़ा है। बचे हुए पैराशूट को बांधो, और जल्दी से अपनी जान बचा लो। बच्चा बोला, हम दोनों को कुछ नहीं होगा सर, यहां दो पैराशूट हैं। नेताजी तो मेरा स्कूल बैग ले कूद गये हैं।
जहाज ने जैसे ही उड़ान भरी नेताजी जनरल क्लास से उठ पहले दर्जे में जा विराजे। होस्टेस ने उन्हें बहुत समझाया कि आपका टिकट इस दर्जे का नहीं है आप अपनी जगह जा कर बैठें। नेताजी उसकी जुर्रत पर आग-बबूला हो गये, बोले तुम जानती नहीं हम कौन हैं? एक इशारा करेंगे और तुमरा ई उड़न खटोला बंद हो कर रह जाएगा, समझी, जाओ अपना काम करो।बेचारी होस्टेस घबरा गयी उसने जा कर पाइलट को इसकी जानकारी दी। पाइलट उठा उसने नेता को कुछ कहा, नेता महाराज उसी समय उठ कर अपनी जगह जा विराजे।इतनी जल्दी और इतनी शांति के साथ सब हो जाने पर आश्चर्यचकित एयर-होस्टेस ने पाइलट से पूछा कि सर आपने ऐसा क्या कह दिया जिससे वह बंदा बिना किसी हील-हुज्जत के यहां से उठ गया? अरे कुछ नहीं मैंने उससे कहा, सर आपको तो दिल्ली जाना है, यह ट्रेन तो है नहीं कि सारी की सारी गाड़ी एक ही जगह जाती हो। यह तो हवाई जहाज है और आपकी सीट दिल्ली जा रही है यह वाली नहीं।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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5 टिप्पणियां:
मजेदार. यह तो सरदार वाला किस्सा बन गया.
नेतागिरी का तो सभी जगह वर्चस्व है!
ha ha ha ha ha ..........bahut sahi
ha ha ha majedar
हा हा हा हा बहुत बढ़िया
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