गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010

बहनजी, अपने पति को पहचान अन्दर ले लीजिए :)

होली फिर आ गयी। चलिए एक छोटा सा निश्चय करें, खुश रहने और खुश रखने का...
सभी अनदेखे अपनों को होली की ढेरों शुभकामनाएं।

1, होली का दिन। जो सुबह से हुडदंग शुरु हुआ तो दोपहर ढलने पे आ गयी। कालोनी के सभी पुरुष भंग पी काले पीले पुते हुए हर घर पर जा आवाज लगाने लगे," ब ह ह न जी, दरवाजा खोल अपने पति को पहचान अंदर ले लिजिए......

2, एक मरीज का आप्रेशन होने वाला था। शल्य चिकित्सक ने अपने छात्रों को भी बुलवा लिया। आप्रेशन के पहले उसने सबसे पूछा कि आपकी राय में इस स्थिति में आप्रेशन जरूरी है कि नहीं। सबने असहमति जताई। इस पर चिकित्सक ने बताया कि नहीं ऐसी स्थिति में आप्रेशन हो जाना चाहिये। और जैसे ही उसने अपना काम करना चाहा वैसे ही मरीज जो इन सब की बातें सुन रहा था, उठ कर बैठ गया और बोला, मुझे नहीं करवाना आप्रेशन, अरे जब इतने लोग मना कर रहे हैं तो मैं तुम्हारी बात ही क्यूं मानूं?

3, गाइड पर्यटक को दिल्ली के एतिहासिक भवन के बारे में बता रहा था। तभी पर्यटक ने पूछ लिया कि इसे बने कितना समय हुआ है?तीन सौ दो साल चार महीने। गाइड ने जवाब दिया।पर तुम इतना सही-सही समय कैसे बता रहे हो?ऐसा है कि जब मैंने यहां काम करना शुरु किया तो मुछे बताया गया था कि इसे बने तीन सौ साल हुए हैं और मुझे यहां काम करते दो साल चार महीने हो गये हैं। गाइड ने जवाब दिया।

4, छगन जी अपने दोस्त को अपने बच्चों के बारे में बता रहे थे। बड़ा तो एम।ए। कर लेखक बन गया है। मंझला भी पढाई पूरी कर कविताएं लिखने लगा है। बड़े-बड़े समारोहों में जाता है, खूब नाम कमाया है। पर छोटा सब्जी का ठेला लगाता है।
"अरे! उसे नहीं पढवाया"?
"नहीं, उसी की कमाई से ही तो घर चलता है, शुरु से"। छगन जी ने जवाब दिया।

5 टिप्‍पणियां:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

ये भी खूब रही

राज भाटिय़ा ने कहा…

ब ह ह न जी, दरवाजा खोल अपने पति को पहचान अंदर ले लिजिए.अरे शर्मा जी जब कोई महिला किसी पुरुष को अंदर ले गई ओर ..... जब फ़िर उसे साफ़ कर के उस का चेहरा देखा कि यह तो गलत आदमी है तो....... फ़िर किस की गलती....:)

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

छगन जी जिन्दाबाद

Himanshu Pandey ने कहा…

बेहद खूबसूरत ! आभार ।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.

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