गुरुवार, 25 सितंबर 2008

यहाँ रावण की पूजा होती है

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के एक गांव, जिसका नाम ही रावणग्राम है, के किसी भी समारोह के पहले राक्षसराज रावण की पूजा होती है। जो गांव के बाहर लेटी हुई प्रतिमा, जिसकी लम्बाई करीब दस फुट की है तथा जिसे रोज खीर और पूड़ी का भोग लगाया जाता है, के रूप में विराजमान है। यहां की दो-तिहाई आबादी,   कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की है।जिनकी संख्या करीब  5000 से 6000 तक है.  ये सभी गांववासी दशानन के अनन्य भक्त हैं।

रावण गांव के अलावा आस-पास के गांव सेउ, नटेरन आदि में भी जब शादी-ब्याह या कोई शुभ कार्य होना होता है तो रावण गांव के बाहर लेटी रावण की प्रतिमा के चरणों में पहले नैवेद्य अर्पित कर उसकी पूजा की जाती है। दुल्हन के गृह प्रवेश के पूर्व, तथा दुल्हे की बारात जाने से पहले तो पूजा करना बहुत जरूरी समझा जाता है। पहले यहाँ शादी-ब्याह के मौकों पर ही पूजा-अर्चना की जाती थी पर अब दशहरे पर भी आराधना शुरू हो गयी है. 

कठोर लाल व सफ़ेद पत्थर से बनी रावण की यह प्रतिमा परमार काल .की मुर्ती कला का अद्भुत नमूना है। इसे रावण का विशाल रूप, दस सिर, बीस हाथ, हाथों में गदा, तलवार, त्रिशूल आदि और भव्य बनाते हैं। पुरातत्वविद  इस प्रतिमा की प्राचीनता का अभी आकलन नहीं कर पाये

ऐसी ही एक जगह कानपुर में भी है जहां रावण की पूजा होती है वहाँ भक्तों की इच्छा है की रावण के जीवन के उज्जवल पक्ष को भी दुनिया के सामने उजागर  होना चाहिए.  एक मजे की बात और भी है। दशहरे के दिन गांववासी रावण की प्रतिमा की पूजा अर्चना करते हैं, फिर शाम को कागज के रावण का दहन भी किया जाता है, जो अभी पिछले कुछ बरसों से शुरु हुआ है। हो सकता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मणों के अलावा और जाति के लोगों की बढ़ती आबादी के कारण ऐसा होने लग गया हो।

इसी तरह जोधपुर में भी रावण के एक मन्दिर का निर्माण हो रहा है जिसे अपने आप को रावण की पत्नी मन्दोदरी का वंशज मानने वाले, जोधपुर से कुछ दूर स्थित मंदोर  नामक जगह के लोग करवा रहे  हैं।  

      

4 टिप्‍पणियां:

महेंद्र मिश्र.... ने कहा…

badhiya janakari dihai dhanyawaad.damoh or jabalapur me ravan ki pooja karne vale log moujood hai.

बेनामी ने कहा…

dhnyabad achhi jankari ke liye, abhi kuch din pahle ki hi bat hai jab jhrkhnad ke chief minister ne raban dahan se enkar kiye hai, ab unhe kaun samajhaye??????????

जितेन्द़ भगत ने कहा…

आपने रोचक बात बताई, वैसे मैंने सुना है कि‍ दक्षि‍ण भारत में भी रावण की पूजा की जाती है। मध्‍य प्रदेश में इस नाम का गॉव भी है, जानकर आश्‍चर्य भी हुआ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

धन्यवाद एक अच्छी जानकारी देने के लिये

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