राजजी के युवक को मिले दादी माँ के आशीर्वाद से एक बात याद आ गयी -------
वैसी ही एक दादी मां मरने से बहुत डरती थीं। सो भगवान से सदा प्रार्थना करती रहती थीं। एक बार प्रभू ने तंग आकर उन्हें दर्शन दे ही दिए और बता दिया कि उनकी उम्र अभी चालीस साल और तीन महिने बाकी है। दादी मां खुश। अगले दिन से ही सुखमय जिंदगी की तैयारियां शुरु कर दीं। ब्युटी-पार्लर में जा बाल डाई करवाये, मसाज करवाई, फ़ेशिअल, पैडी और ना जाने क्या-क्या करवा कर जैसे ही बाहर निकलीं एक बस की चपेट में आ स्वर्ग सिधार गयीं। ऊपर जाते ही प्रभू का गला पकड़ लिया, कि तुमने तो मेरी उम्र अभी चालीस साल और बताई थी, तो यह क्या कर दिया। प्रभू भी हड़बड़ा गये, बोले "अरे माई तुम्हें तो मैं पहचान ही नहीं पाया।"
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
बुधवार, 24 सितंबर 2008
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7 टिप्पणियां:
bahut sunder.....
bhawaan kaise pahchaante.....saari kaya to badal gae thee
हा हा हा बहुत बढ़िया . मौत के बारे मैं न पता हो तभी बढ़िया.
मजा आ गया, प्रभू भी धोखा खा गए"
धन्यवाद
हा हा बहुत बढ़िया!!
लीपा-पोती पर बेहतरीन व्यंग
वीनस केसरी
well written sir
congrates
regards
लाज़बाब व्यंग हास्य के चटखे के साथ बहुत बहुत धन्यबाद
मेरे ब्लॉग पर पधारने हेतु पुन: आमंत्रण है
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