पन्द्रह दिनों के अंदर देश की राजधानी में फिर एक धमाका, पुलिस और सरकार के मुंह पर तमाचा। फिर वही शिकंजा कसने की बातें, फिर किस की हरकत इस पर बहस। फिर वही कुछ नाम सामने आएंगे, जिन पर कभी भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी।
दोपहर दो बजे के बाद दिल्ली के महरौली इलाके में दो बाइक सवार तेज गति से गाड़ी चलाते हुए एक पैकेट एक दुकान के सामने फेंक भागते चले जाते हैं। दुर्भाग्यवश वह पैकट एक मासूम बच्चे, संतोष, के सामने गिरता है। इमानदार बच्चा वह पैकट उठा, "आपका सामान गिर गया है, भाई साहब" कहता हुआ बाइक के पीछे-पीछे दौडता है और फिर इसके पहले कि कोई कुछ समझे, कोई समझने वाला नहीं रहता।
फिर बहसें होगीं, अखबारों के पन्ने काले किए जाएंगे, फिर टीवी पर टी आर पी के लिए जोर आजमाइश होगी, फिर कत्ले आम की निंदा होगी, फिर नेतागण अफसोस जाहिर करेंगे, मुआवजे आदि की घोषणाएं होगीं, फिर इस पर ब्लोग लिखे जाएंगे, फिर कोई चिढ़ कर उल्टे सीधे कमेंट करेगा, फिर उस कमेंट पर तरह-तरह की टिप्पणियां आयेंगी। पर क्या यह सब संतोष के घरवालों के जख्मों को भर पाएंगें। __________________________________________________
इसी के साथ एक और बुरी खबर, अपनी तरह के अनोखे गायक, रफी, मुकेश, किशोर के संगी, महेंद्र कपूरजी नहीं रहे ।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विशिष्ट पोस्ट
रणछोड़भाई रबारी, One Man Army at the Desert Front
सैम मानेक शॉ अपने अंतिम दिनों में भी अपने इस ''पागी'' को भूल नहीं पाए थे। 2008 में जब वे तमिलनाडु के वेलिंगटन अस्पताल में भ...
-
कल रात अपने एक राजस्थानी मित्र के चिरंजीव की शादी में जाना हुआ था। बातों ही बातों में पता चला कि राजस्थानी भाषा में पति और पत्नी के लिए अलग...
-
शहद, एक हल्का पीलापन लिये हुए बादामी रंग का गाढ़ा तरल पदार्थ है। वैसे इसका रंग-रूप, इसके छत्ते के लगने वाली जगह और आस-पास के फूलों पर ज्याद...
-
आज हम एक कोहेनूर का जिक्र होते ही भावनाओं में खो जाते हैं। तख्ते ताऊस में तो वैसे सैंकड़ों हीरे जड़े हुए थे। हीरे-जवाहरात तो अपनी जगह, उस ...
-
चलती गाड़ी में अपने शरीर का कोई अंग बाहर न निकालें :) 1, ट्रेन में बैठे श्रीमान जी काफी परेशान थे। बार-बार कसमसा कर पहलू बदल रहे थे। चेहरे...
-
हनुमान जी के चिरंजीवी होने के रहस्य पर से पर्दा उठाने के लिए पिदुरु के आदिवासियों की हनु पुस्तिका आजकल " सेतु एशिया" नामक...
-
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। हमारे तिरंगे के सम्मान में लिखा गया यह गीत जब भी सुनाई देता है, रोम-रोम पुल्कित हो जाता ...
-
युवक अपने बच्चे को हिंदी वर्णमाला के अक्षरों से परिचित करवा रहा था। आजकल के अंग्रेजियत के समय में यह एक दुर्लभ वार्तालाप था सो मेरा स...
-
"बिजली का तेल" यह क्या होता है ? मेरे पूछने पर उन्होंने बताया कि बिजली के ट्रांस्फार्मरों में जो तेल डाला जाता है वह लगातार &...
-
कहते हैं कि विधि का लेख मिटाए नहीं मिटता। कितनों ने कितनी तरह की कोशीशें की पर हुआ वही जो निर्धारित था। राजा लायस और उसकी पत्नी जोकास्टा। ...
-
अपनी एक पुरानी डायरी मे यह रोचक प्रसंग मिला, कैसा रहा बताइयेगा :- काफी पुरानी बात है। अंग्रेजों का बोलबाला सारे संसार में क्यूं है? क्य...
4 टिप्पणियां:
ये सब तो अभी और होगा क्योंकि सरकार, मानावधिकार संगटन, धर्मनिरपेक्ष लोग सभी इन आतंकवादियों के साथ है एक आतंकवादी मरना इन लोगों को सुहाता नहीं चाहे कितने ही लोग मर जाए..
Dhmake ke baad nid khuli hai fir so gayegi sarkar.
बहुत सही लिखा है आपने। उस मासूम व ईमानदार बच्चे के घरवालों के जख्म तो अब कभी न भर पाएंगे।
महेन्द्र कपूर जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
जो सरकार जनता की रक्षा नही कर सकती उसे एक दम से हट जाना चाहिये,बेशर्मो की तरह से सफ़ाई नही देनी चाहिये, लानत हे ऎसी सरकार पर जो हमारी रक्षा नही कर सकती.अगर एक इमान्दार प्रधानमत्री की सरकार ऎसी हे तो बेईमानो की सरकार केसी होगी??????
एक टिप्पणी भेजें