इस परिवहन सेवा के साथ कोलकाता वासियों का एक ऐसा अटूट भावनात्मक संबंध कायम हो गया, एक ऐसा रिश्ता बन गया कि इस पर लोग चढ़ें ना चढ़ें पर इसके बिना वे अपने शहर की कल्पना भी नहीं कर सकते ! इसीलिए उसे बचाने, उसे लोकप्रिय बनाने व दीर्घजीवी बनाने हेतु एक प्रयोग के तहत एक ट्राम को रंग-रोगन और चित्रकारी से सजा कर उसका एक नया अवतार गढा गया ! ट्यूरिस्टों की जरूरतों को मद्दे नजर रख उसे पूरी तरह वातानुकूलित कर बायो टॉयलेट तथा म्यूजिक सिस्टम से युक्त कर उसे एक आधुनिक रेस्त्रां का रूप दे दिया गया................!
#हिन्दी_ब्लागिंग
हमारा बंगाल ! पहले ऐसा कहा जाता था कि बंगाल जो आज सोचता है, वो पूरा भारत कल सोचता है ! वह राज्य जो देश में सर्वाधिक उपलब्धियों में पहला स्थान रखता है ! पहला महानगर, पहला अखबार, पहला विश्वविद्यालय, पहला नोबेल, पहला ऑस्कर, पहली मेट्रो, पहला प्लैनेटेरियम, पहला फ्लोटिंग मार्किट, पहली अंडरवाटर ट्रेन ! पहला ! पहला !! पहला !!! इसी गौरवमयी परंपरा में यहां के निवासियों ने एक और अनोखी पहल की है ! वह है कोलकाता का ''ट्राम रेस्त्रां'' !
इसी प्रयोग के तहत एक ट्राम को रंग-रोगन और चित्रकारी से सजा कर एक नया रूप दिया गया ! ट्यूरिस्टों की जरूरतों को मद्दे नजर रख उसे पूरी तरह वातानुकूलित कर बायो टॉयलेट तथा म्यूजिक सिस्टम से युक्त किया गया। इस पर करीब दस लाख रुपयों का खर्च आया। खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में कोई बाधा ना खड़ी हो, इसलिए खाद्य पदार्थ बनाने वाली कई ब्रांडेड कंपनियों को साथ लिया गया। CTC ने विक्टोरिया ग्रुप को इसका जिम्मा देते हुए उनसे दस साल का अनुबंध किया, जिसके तहत ग्रुप, CTC को हर महीने डेढ़ लाख से कुछ ज्यादा राशि का भुगतान करता है। इस ट्राम रेस्त्रां में एस्पलेनेड से खिदिरपुर जाने-आने की डेढ़ घंटे की यात्रा में 799/- और 999/- की दर पर निरामिष और आमिष दोनों तरह का भोजन उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें कई तरह के भिन्न-भिन्न पेय, स्टार्टर, मुख्य भोजन और डेजर्ट वगैरह शामिल होते हैं।
ऐसी पहली सेवा 14 अक्टूबर 2018 में एस्प्लेनेड के ऐतिहासिक शहीद मीनार से खिदिरपुर तक के लिए शुरू की गई ! यही वह रूट है जिस पर 27 मार्च 1902 में पहली विद्युत चलित ट्राम चलाई गई थी। उसी मार्ग पर जहां पुराने महानगर का एकमात्र हरित स्थल ''मैदान'', जो वर्षों-वर्ष से यहां के वाशिंदों को प्राणवायु प्रदान करता आ रहा है, के बीचो-बीच चलती, अद्भुत इमारत विक्टोरिया मेमोरियल के दर्शन कराती, रेस कोर्स के बगल से गुजरती हुई अपने गंतव्य, खिदिरपुर की ओर बढ़ती इस नई, अनोखी सवारी को ''विक्टोरिया ऑन व्हील 18'' नाम दिया गया है। फिलहाल इसके चार ट्रिप निश्चित किए गए हैं, दो सुबह लंच के समय और दो शाम डिनर के वक्त ! इस चलित रेस्त्रां में 27 मेहमानों के स्वागत की व्यवस्था है। इसके लिए 24 घंटे पहले आरक्षण करवाना जरुरी है।यात्रा के दौरान इस पर कोई भी आधिकारिक यात्री कहीं से भी चढ़-उतर सकता है।
महलों के शहर कोलकाता को, विभिन्न खाद्यों के विविध स्वादों के रसास्वादन के साथ, धीरे-धीरे चलते हुए देखने, समझने, यादों समेटने का, कुछ अलग सा, अवर्चनीय सुख तो यात्रा कर के ही प्राप्त किया जा सकता है। सो इस कोरोना संकट से उबर कर जब भी अगली बार कोलकाता जाना हो तो एक दिन के कुछ घंटे अपनी चहेती ट्राम के काया-कल्पित रूप को समर्पित जरूर हों।
18 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर जानकारी।
बहुत अच्छी जानकारी दी आपने
शिवम जी
अनेकानेक धन्यवाद
शास्त्री जी
सम्मिलित करने हेतु अनेकानेक धन्यवाद
सुंदर और अनोखी जानकारी
बहुत अच्छी और उपयोगी जानकारी - धन्यवाद!
बढ़िया आईडिया है रेस्तरां चलाने का . पर कोरोना ने मज़ा खराब कर दिया होगा!
बहुत ही शानदार जानकारी धन्यवाद आपका
कदम जी
सदा स्वागत है,आपका
प्रतिभा जी
हार्दिक आभार
हर्ष जी
प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
सवाई सिंह जी
आपका सदा स्वागत है
कलकत्ता के शानदार अस्तित्व के परिचय के साथ ट्राम रेस्ट्रां के बारे में बढ़िया विवरण ।
मीना जी
बहुत लम्बा समय बीता है वहाँ, होश संभलवाया है उसने, दिल की गहराईयों से लगाव है उसके साथ!
बहुत सुंदर एवं उपयोगी जानकारी, आदरणीय प्रणाम,
मधुलिका जी
सदा स्वस्थ, प्रसन्न रहिए
Yeh bhi ek shandar sawari hai. Poorane din Yaad Aa gae. Aabhar
कदम जी
बहुत-बहुत धन्यवाद
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