इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
बुधवार, 13 अप्रैल 2011
नेता अड़ा हुआ था कि उसका खर्च सरकार देगी
बाबा आमटे की भ्रष्टाचार विरोधी सभा से एक साथ एक ही कार मे वापस जाते हुए, एक नेता, एक अभिनेता और एक व्यापारी की एक्सीडेंट में मौत हो गयी। पर कुछ देर बाद अभिनेता को होश आ गया। वह जब थोड़ा ठीक महसूस करने लगा तो लोग पूछनै लगे कि क्या हो गया था कैसे सब हुआ। अभिनेता बोला कैसे हुआ यह तो ठीक से मालुम नहीं है पर ऊपर जो हुआ वह पूरी तरह याद है। लोगों के पूरी बात बताने के आग्रह को देख अभिनेता ने कहना शुरु किया कि जैसे ही हम ऊपर पहुंचे तो वहां एक भव्य, विशाल द्वार के सामने अपने को खड़ा पाया वहां द्वारपाल ने हमें बताया कि कहीं कुछ गड़बड़ी के कारण उनका निर्णय नहीं हो पा रहा है। सो उन्हें कुछ समय की लीज मिल सकती है। इसके लिए उन्हें एक सहस्त्र स्वर्ण मुद्राएं जमा करानी होंगी। मैंने अपने क्रेडिट कार्ड़ से तुरंत पेमेंट कर दी और वापस आ गया। लोगों ने पूछा कि आपके साथ के नेताजी और वह व्यापारी महोदय क्यों नहीं आए? अभिनेता ने जवाब दिया, व्यापारी तो मोल-भाव में जुटा था कि रकम ज्यादा है इसे कम करो और नेताजी कह रहे थे कि उनका खर्चा सरकार उठाएगी ।
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2 टिप्पणियां:
वाह बहुत बढ़िया
muft khori ki aadat kahaan jaaegi
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