इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
गुरुवार, 7 अप्रैल 2011
रहस्य का आवरण लपेटे "बिल्ली"
दुनिया के सैकड़ों-हजारों जीव- जंतुओं मे दो ऐसे प्राणी हैं जो अपने इर्द-गिर्द सदा रहस्य और ड़र का कोहरा लपेटे रहते हैं। पहला है बिल्ली और दूसरा सांप। वैसे इस मामले में बिल्ली सांप से कहीं आगे है। इसी की जाति के शेर, बाघ, तेंदुए आदि जानवर ड़र जरूर पैदा करते हैं पर रहस्यात्मक वातावरण नहीं बनाते। पर अफ्रीकी मूल के इस प्राणी, "बिल्ली" को लेकर विश्व भर के देशों में अनेकों किस्से, कहानियां और अंधविश्वास प्रचलित हैं। जहां जापान मे इसे सम्मान दिया जाता है क्योंकि किसी समय इसने वहां चूहों के आतंक को खत्म कर खाद्यान संकट का निवारण किया था। वहीं दूसरी ओर इसाई धर्म में इसे बुरी आत्माओं का साथी समझ नफ़रत की जाती रही है। फ्रांस मे तो इसे कभी जादूगरनी तक मान लिया गया था। हमारे यहां भी इसको लेकर तरह-तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। एक ओर तो इसके रोने की आवाज को अशुभ माना जाता है। आज के युग मे भी यदि यह रास्ता काट जाए तो अच्छे-अच्छे पढे-लिखे लोगों को ठिठकते देखा जा सकता है। रात के अंधेरे में आग के शोलों कि तरह दिप-दिप करती आंखों के साथ यदि काली बिल्ली मिल जाए तो देवता भी कूच करने मे देर नहीं लगाते। संयोग वश यदि किसी के हाथों इसकी मौत हो जाए तो सोने की बिल्ली बना दान करने से ही पाप मुक्ति मानी जाती है। दूसरी ओर दिवाली के दिन इसका घर में दिखाई देना शुभ माना जाता है।दुनिया भर की ड़रावनी फिल्मों मे रहस्य और ड़र के कोहरे को घना करने मे सदा इसकी सहायता ली जाती रही है। यह हर तरह के खाद्य को खाने वाली है पर इसका चूहे और दूध के प्रति लगाव अप्रतिम है। इसे पालतू तो बनाया जा सकता है पर वफादारी की गारंटी शायद नहीं ली जा सकती।सांपों को लेकर भी तरह-तरह की भ्रान्तियां मौकापरस्तों द्वारा फैलाई जाती रही हैं। जैसे इच्छाधारी नाग-नागिन की विचित्र कथाएं। जिन पर फिल्में बना-बना कर निर्माता अपनी इच्छायें पूरी कर चुके हैं। एक और विश्वास बहुत प्रचलित है, नाग की आंखों मे कैमरा होना, जिससे वह अपना अहित करने वाले को खोज कर बदला लेता है। चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने मे हो। सपेरों और तांत्रिकों द्वारा एक और बात फैलाई हुई है कि सांप आवश्यक अनुष्ठान करने पर अपने द्वारा काटे गये इंसान के पास आ अपना विष वापस चूस लेता है।पर सच्चाई तो यह है कि दूध ना पीने वाला यह जीव दुनिया के सबसे खतरनाक प्राणी, इंसान, से ड़रता है। चोट करने या गलती से छेड़-छाड़ हो जाने पर ही यह पलट कर वार करता है। उल्टे यह चूहे जैसे जीव-जंतुओं को खा कर खेती की रक्षा ही करता है। जिससे इसे किसान मित्र भी कहा जाता है। दुनिया के दूसरे प्रणियों की तरह ये भी प्रकृति की देन हैं। जरूरत है उल्टी सीधी अफवाहों से लोगों को अवगत करा अंधविश्वासों की दुनिया से बाहर लाने की।
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3 टिप्पणियां:
बढिया आर्टीकल
कुछ अंधविश्वास है तो कुछ समझ का फेर :)
सार्थक आलेख.
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