एक ऐसा झंडा, जिसे एक बार लगने पर वर्षों ना चढ़ाया गया और ना उतारा गया, ना उसे आधा फ़हराया गया और नाही कभी सलामी दी गयी, यह था चाँद पर लगा अमेरिका का झंडा। जहां 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने 170घंटे, करीब 100कीमी घूमते हुए बिताए। वे वहां से 400केजी मिट्टी तथा करीब 30000 फोटोग्राफ ले कर आए। 11 दिसम्बर 1972 का अपोलो 17 का अभियान, चंद्रमा पर अंतिम मानव अभियान था। जिसमे हैरिसन एच श्मिट ने चंन्द्रतल पर करीब 34किमी तक चंन्द्र बग्घी चला कर अपनी खोज पूरी की थी। वे वहां एक संदेश भी छोड कर आये थे जिसमें कहा गया था कि "दिसम्बर 1972 में धरतीवासियों द्वारा चंद्र अभियान पूरा किया गया और हमारा शांति संदेश चारों ओर फैले।"
चाँद पर कहे गये पहले शब्द तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं पर वहां कहे गये अंतिम शब्द थे, कमांडर इयुगेन सरमन के - "अमेरिका का यह अभियान मानव जाति का भविष्य निर्धारित करेगा"।
चाँद पर कहे गये पहले शब्द तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं पर वहां कहे गये अंतिम शब्द थे, कमांडर इयुगेन सरमन के - "अमेरिका का यह अभियान मानव जाति का भविष्य निर्धारित करेगा"।
3 टिप्पणियां:
रोचक जानकारी
जल्द ही भारतीय वहां जाने वाले है.. झन्डे को कुछ विश्राम देगें
रंजनजी, मुझे तो कुछ और ही लग रहा है।
हमने वहां जाना-वाना नहीं था। पर अचानक याद आया कि मामा हमारा और झंड़ा उनका सो-----------
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