अपने आप को रावण का वंशज मानने वाले दवे गोधा श्रीमाली समाज के सैंकडों परिवार जो जोधपुर में रहते हैं, वे श्राद्ध पक्ष के दौरान लंकापति रावण का हेमकरण की नाडी पर, बुधवार को तर्पण और पिंडदान करेंगे। उनके मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद ब्राह्मणों को भोजन भी करवाया जाएगा। इनका मानना है कि रावण महान शिवभक्त, प्रकांड पंडित और विद्वान राजा था और पूरा समाज उस पर अटूट आस्था रखता है।
महादेव अमरनाथ मंदिर में पिछले साल स्थापित रावण की प्रतिमा की विशेष पूजा के बाद हेमकरण की नाडी पर तर्पण और चावल का पिंडदान किया जाएगा। फिर भोग लगा कर ग्यारह पंडितों को भोजन करवाया जाएगा।
विजयादशमी के दिन रावण दहन पर जहां हर कोई खुशी मनाता है वहीं जोधपुर में बसे उनके वंशज रावणदहन के तुरंत बाद सुतक स्नान कर शोक मनाते हैं। पिछले साल रावणदहन के समय पुतले के अंग भंग हो गये थे, जिसे अपशकुन मानते हुए दवे गोधा श्रीमाली समाज के लोगों ने पुतल वद्ध विधि से विशेष पूजा अर्चना की थी।
* कल चलेंगे एक ऐसी जगह, जहां हर शुभ कार्य के पहले रावण की पूजा होती है।
2 टिप्पणियां:
सुंदर |
आख़िर रावण की ससुराल भी तो जोधपुर के मंडोर में ही है
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