हमारे शरीर की सबसे मजबूत मांसपेशीयां दिल की होती हैं। माँ के पेट में 18वें दिन से जो यह काम करना शुरु करता है तो जीवन भर धडकता रहता है। सौ साल की उम्र पाए इंसान में यह करीब पांच अरब बार धडक चुका होता है। यह एक मिनट में 72 बार धडकता है और एक साल में करीब तीन करोड़ सत्तर लाख बार और साठ साल की औसत आयु में करीब 220 करोड़ बार धडक चुका होता है। अब तक यह 1800 टन खून 62000 मील लंबी रक्तनलिकायों में ढ़केलता है, जिन्हें अगर जोडा जाए तो सारी दुनिया का ढ़ाई बार चक्कर लग जाए। हमारे आराम करते समय भी यह प्रति मिनट 6 लीटर खून पंप करता है यानी 6 से 10 टन रोज। पूरे जीवन काल में यह ड़ेढ़ से अढ़ाई लाख टन खून पंप कर चुका होता है। ऐसा नहीं है कि यह आराम नहीं करता। दिल की धड़कन '49सेकंड तक रहती है फिर '31 सेकंड का आराम देकर दूसरी धड़कन पैदा होती है। यह "औरिकल्स" के संकुचन से आरम्भ होती है, जबकी इस बीच "वैंट्रिकल्स" आराम करते हैं। "औरिकल्स" को संकुचन में '11 से '14सेकंड का समय लगता है फिर वे '66सेकंड तक आराम करते हैं। यानि 24 घंटे में साढ़े तीन से चार घंटे काम और 20 घंटे आराम। वहीं "वैंटिकल्स" को संकुचन में '27 से '35सेकंड लगते हैं जिसके बाद वह '45 से '53 सेकंड तक आराम करते हैं। यानि 24 घंटे में साढ़े आठ से दस घंटे काम और साढ़े तेरह से 15 घंटे आराम।
बच्चे के जन्म के समय दिल एक मिनट में 140 बार धडकता है। उम्र के साथ-साथ यह गति कम होती चली जाती है जो व्यस्क होते-होते एक मिनट में 72 बार रह जाती है। हां श्रम करते समय यह अढ़ाई गुना बढ़ सकती है। हमारे शरीर में दिल खून का एक दौरा 23 सेकंड में पूरा करवा देता है। यानि एक दिन में करीब 3700 चक्कर लगवा देता है।
है ना आश्चर्यजनक प्रभू की देन ? यदि हम इसके साथ छेडखानी ना करें तो यह हमारा साथ सौ साल से भी ज्यादा दिनों तक देती रह सकती है। क्या कोई मानव निर्मित मशीन इसकी बराबरी कर सकती है ?
5 टिप्पणियां:
अगर आशिकों को इस बात की भनक लग गई तो वे सब कुछ दे देंगे पर दिल नहीं देंगे।
(बहुत ही रोचक जानकारी)
बहुत बढिया पोस्ट,
इसी के साथ ये भी कहना चाहूँगा कि कठिन परिश्रम अथवा व्यायाम करने वाले अधिकतम धडकन रेट का भी ध्यान रखें । चिकित्सा क्षेत्र में आपकी अधिकतम हार्ट रेट के इस सूत्र को काफ़ी मान्यता प्राप्त है:
अधिकतम हार्ट (धडकन) रेट = २२० - आपकी उम्र (वर्षों में)
मसलन आप अगर बीस वर्षीय युवा हैं तो आपका दिल कठिन परिश्रम के समय २०० धडकन प्रति मिनट तक कुछ समय के लिये (~१०-१५ मिनट) धडक सकता है । इसे लम्बे समय तक जारी रखना नुकसानदेय है ।
व्यायाम करते समय ७०-८०% अधिकतम हार्ट रेट लम्बे समय तक दिल पर बुरा प्रभाव नहीं डालता और इससे दिल की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं ।
कुछ लोग जब नया नया व्यायाम अथवा दौडना प्रारम्भ करते हैं तो अपने हृदय को बडे कष्ट में डाल देते हैं, जबकि धीरे धीरे हृदय पर बोझ बढाने से वो खुश भी रहता है और शक्तिशाली भी बनता है ।
७०-८०% अधिकतम हार्ट रेट से मेरा अभिप्राय है:
०.७ * अधिकतम हार्ट रेट
०.८ * अधिकतम हार्ट रेट
रोचक जानकारी.
नीरजजी, फायदेमंद जानकारी के
लिये धन्यवाद।
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