वर्तमान समय बदलाव का समय है, हर पांच दस सालों में नयी-नयी इजादें सामने आती चली जा रही हैं। आने वाले दस सालों में भी हमारी दुनिया की तस्वीर में कुछ नये बदलाव आने वाले हैं। जिनमें प्रमुख हैं --
1:- विज्ञापन आकाश में छा जाएंगे। जी हां आकाश में लेज़र के जरिए विज्ञापन दिखाने की तकनीक पर बाकायदा काम चल रहा है।
2:- कैंसर और एड्स का निदान संभव हो जाएगा।
3:- विमानों का रूप उडनतश्तरी की तरह हो जाएगा। इसके उपर भारतीय मूल के सुब्रत राय शोध कर रहे हैं। उन्होंने इस विमान को "वीव" नाम दिया है।
4:- आने वाले समय में कारें हाइड्रोजन गैस से चलेंगी। हाइड्रोजन इंजन काम करेंगे प्रोटोन एक्सचेंज में बने फ़्यूल सेल से। जमाना होगा छोटी कारों का। नयी तकनीक जीवन को सुविधाजनक और सुरक्षित बना देगी।
5:- जोखिम के काम रोबोट करने लग जाएंगे। खान, निर्माण, बिजली, नाभिकीय संयंत्रों, हथियारों के परीक्षण, सेना, ट्रैफ़िक पुलिस जैसे स्थानों में रोबोट्स छा जाएंगे। अफसोस की बात यह हो जाएगी कि इन पर किसी नेता या उनके चमचों की धौंस नहीं चलेगी। आपको यह जान कर हैरानी के साथ-साथ खुशी भी होगी कि बहुत सी भारतीय कंपनियां घरेलू रोबोट के विकास में जुटी हुई हैं।
6:- प्रदूषण रहित सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होने लगेगा।
7:- बुढ़ापे को रोकना तो नहीं पर जवानी को देर तक कायम रखना संभव हो जाएगा। शरीर पर बढ़ती उम्र के असर को काफी हद तक कम करने में सफ़लता मिल जाएगी।
8:- हो सकता है कि किसी अंजान सभ्यता के रेडिओ संदेश पाने में हम सफ़ल रहें। यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी ने तीन ऐसे सौरमंडल खोज निकाले हैं, जिनमें दर्जनों विशाल ग्रह मौजूद हैं। इनमें से 45 प्रकाश वर्ष दूर तो एक सितारा ऐसा है, जिसकी पृथ्वी जैसे तीन ग्रह परिक्रमा कर रहे हैं। पृथ्वी जैसा एक ग्रह तो महज 15 प्रकाश वर्ष दूर मिला है।
9:- कंप्युटर और भी शक्तीशाली हो जाएंगे। ऊर्जा की खपत काफी घट जाएगी। यह संभव हो पाएगा गैलियम नाईट्राइड से जो सिलिकन चिप का स्थान ले लेगा।
पर अच्छाइयों के साथ-साथ हमें कुछ बुराईयों का भी सामना करना पडेगा जैसे, पानी की कमी का सामना करना पड सकता है। आक्सीजन खरीदनी पड सकती है। कुछ नयी बिमारियां सामने आ सकती हैं। संतानोत्पति की क्षमता घटने का डर है। सार्स और बर्ड फ्लू के अलावा चेचक,प्लेग, मलेरिया, और हैजा जैसी पुरानी बिमारियां नये रूप में धावा बोल सकती हैं। रोबोट के आने से घरेलू नौकरों की वजह से होने वाले अपराध तो कम हो जायेंगे पर किसी और जोखिम के बारे में तो अभी सिर्फ़ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। फिर भी हमें यही आशा रखनी है कि इंसान सारी मुसीबतों से पार पाने का रास्ता निकाल ही लेगा।
2 टिप्पणियां:
धन्यवाद इन अच्छी ओर अनोखी खबरो के लिये
सुंदर रचना. बधाई स्वीकारें.
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