यह शायद देश का एकमात्र मंदिर है, जिसमें हनुमान जी की प्रतिमा के बाएं बाजू पर श्री सिद्धि विनायक गणेशजी भी विराजित हैं। एक ही प्रतिमा में दोनों देवताओं के होने से ये अनूठी प्रतिमा अत्यंत शुभ, पवित्र, कल्याणकारी और फलदायी मानी जाती है............!
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मानव के होश संभालने के साथ-साथ ही ईश्वर की कल्पना भी अस्तित्व में आ गई थी। हालांकि उसके निराकार होने की मान्यता भी है। फिर भी उसकी शक्ति का एहसास किया जाता रहा है ! ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं, जो उसके अस्तित्व को महसूस कराते रहते हैं। हमारा देश तो भरा पड़ा है ऐसे अलौकिक, आश्चर्यजनक, हैरतंगेज चमत्कारों से !
ऐसी ही एक जगह है मध्य प्रदेश के भोपाल-रतलाम रेल मार्ग पर शाजापुर जिले का बोलाई गांव। कभी इस जगह बारह टोले हुआ करते थे। फिर समय के साथ सबने साथ रहना शुरू किया तो यह गांव बना बोलाई। यहीं स्थित है, तक़रीबन 600 साल पुराना एक हनुमान जी का मंदिर। जिसे सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह शायद देश का एकमात्र मंदिर है, जिसमें हनुमान जी की प्रतिमा के बाएं बाजू पर श्री सिद्धि विनायक गणेशजी भी विराजित हैं। एक ही प्रतिमा में दोनों देवताओं के होने से ये अनूठी प्रतिमा अत्यंत शुभ, पवित्र, कल्याणकारी और फलदायी मानी जाती है। वैसे तो इस मंदिर से कई चमत्कारों का संबंध है। पर इसका सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि इस मंदिर के सामने से जब भी कोई भी ट्रेन गुजरने को होती है, तो उसके पहले ही उसकी गति अपने आप कम हो जाती है। गाडी के चालक को कुछ ऐसा एहसास होता है जैसे कि कोई उसे ट्रेन की स्पीड कम करने के लिए कह रहा हो। यदि कोई ड्राइवर इसे नजरअंदाज करता है तो अपने आप ही ट्रेन की स्पीड कम हो जाती है। कुछ समय पहले इसी जगह के पास रेल लाइन पर दो मालगाडियां आपस में टकरा गईं थीं। बाद में दोनों गाड़ियों के चालकों ने बताया था कि उन्हें घटना के कुछ देर पहले विचित्र सा अहसास हुआ था, मानो कोई ट्रेन की रफ्तार कम करने के लिए कह रहा हो। पर उन्होंने इसे मन का वहम मान कर गति धीमी नहीं की औऱ इसी कारण आमने-सामने की टक्कर हो गई थी। पर आश्चर्य की बात यह थी कि भीषण हादसे के बाद भी कोई हताहत नहीं हुआ था। मंदिर से जुडी मान्यता है कि मंदिर में विराजित हनुमान जी अपने भक्तों को उनके भविष्य में होने वाली कुछ घटनाओं का पूर्वाभास करवा देते हैं, जिससे वह सचेत रह सके ! अनगिनत लोगों को इसका आभास हुआ है इसीलिए इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। इसी के साथ यह धारणा भी है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं इसीलिए हर मंगल, शनि और बुधवार को दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है जो यहां आ कर अपनी मनोकामना पूर्ती के लिए अपने आराध्य की पूजा-अर्चना करते हैं।
19 टिप्पणियां:
अनीता जी
सम्मिलित कर मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 18 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
उपयोगी और जानकारीपरक पोस्ट।
यशोदा जी
सम्मिलित करने हेतु हार्दिक आभार
शास्त्री जी
बहुत-बहुत धन्यवाद
सुन्दर जानकारी
सुशील जी
अनेकानेक धन्यवाद
बहुत सुन्दर जानकारी भरा लेख ।
रोचक जानकारी....
मीना जी
भरा पडा है हमारा देश अचरज भरी बातों से
विकास जी
सदा स्वागत है आपका
जय बजरंग बली ।
अमृता जी
आपका सदा स्वागत है
"ऐसे चमत्कार ही तो हमें ये मानने को विवश करते हैं कि कोई तो अदृश्य शक्ति है" बहुत ही रोचक जानकारी दी है आपने,सादर नमस्कार
कामिनी जी
अनेकानेक धन्यवाद
बहुत सुंदर आस्था से ओतप्रोत।
कुसुम जी
प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
बहुत सुन्दर एवं रोचक लेख
सच में हमारे देश में ऐसे चमत्कारी मंदिरों की कमी नहीं है......जो उस परमपिता के प्रति सभी के हृदय मेन आस्था जगाते है।
सुधा जी
सच है, कोई तो है जो ऐसी बेढब दुनिया को भी संभाल रहा है
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