शनिवार, 5 सितंबर 2020

बहुत हो गया परिवार

आज हर ऐसे चैनल पर जिसकी  नकेल विदेशी  हाथों में है,  ऐसे ही ऊल - जलूल,  तर्कहीन, अतिरेक  से भरपूर, बिना किसी तथ्य या शोध के धार्मिक कथानक परोसे जा रहे हैं ! इधर एक नया चलन O.T.T. का शुरू हो गया है,  जिस पर किसी का  भी नियंत्रण नहीं है और  कुछ  भी दिखाने की आजादी है !  जिसके फलस्वरूप  मौकापरस्त  अपने लाभ  के लिए  कुछ  भी बना  कर यहां रिलीज  कर छोटे - छोटे बच्चों के अपरिपक्व दिलोदिमाग में जहर भरने से बाज नहीं आ रहे.............!

#हिन्दी_ब्लागिंग 

आजकल टीवी पर  Disney+hotstar  का एक विज्ञापन आ रहा है।  जिसमें पता नहीं कैसी-कैसी  कल्पना कर युवाओं को अपने परिवार से विमुख होने को उकसाया जा रहा है ! विज्ञापन के  अनुसार अगर आप परिवार में रह कर क्रिकेट का मैच देखेंगे तो घर के सदस्यों की भदेस हरकतों और गतिविधियों (अतिरेक) की वजह से बेहाल हो जाएंगे ! यदि अकेले देखेंगे तो सुकून से सब कुछ देख पाएंगे ! विज्ञापन दाताओं ने  बड़ी चालाकी और कुटिलता से क्रिकेट के खेल की लोकप्रियता को  भुनाते हुए उसके कंधे  पर रख दो निशानों पर गोली चलाई है !  पहला अभीष्ट तो अपने सीरियल वगैरह के लिए भीड़ जुटाना है ! दूसरा परिवार का विघटन करना !  जिससे काम  से लौटे इंसान को मनोरंजन के लिए उन्हीं पर निर्भर रहना पड़े बजाए, परिवार के ''झमेलों'' के ! 

आज जब पहले ही पारिवारिक मूल्य तार-तार हो रहे हों ! देश में परिवारों का विघटन हो रहा हो ! एकल परिवारों का ''फैशन'' जोर पकड़ रहा हो ! रिश्ते-नाते सब ताक पर धरे जा रहे हों ! बच्चों को बुआ-फूफा, मौसा-मौसी, काका-ताऊ जैसे शब्द अजूबा लगने लगे हों ! छोटे-छोटे शहरों में वृद्धाश्रमो की बाढ़ सी आ गई हो ! शादी-ब्याह जैसी रस्मों को भूल युवा, यूज एंड थ्रो जैसी सुगम पर अनैतिक लीव इन रिलेशन जैसा चलन अपना रहे हों ! तब इस तरह के विज्ञापन तो उत्प्रेरक का ही काम करेंगें ! सबसे नागवार बात तो यह है कि विदेशी आका और उसकी स्थानीय कठपुतलियों ने पता नहीं किस घर की तस्वीर पेश की है ! क्या भारत के मध्यम वर्ग के घर ऐसे होते हैं ! 

आज बाहरी शक्तियां अपने स्वार्थ के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही हैं, देश में अस्थिरता लाने की ! यह विज्ञापन भी उन्हीं के षड्यंत्र का एक हिस्सा लगता है ! पहले इंसान फिर समाज, फिर उसकी आस्था-मान्यता-रीति-रिवाज को तोड़ो, अस्थिरता अपने आप आ जाएगी ! आज हर ऐसे चैनल पर जिसकी नकेल विदेशी हाथों में है, ऐसे ही ऊल-जलूल, तर्कहीन, अतिरेक से भरपूर, बिना किसी तथ्य या शोध के धार्मिक कथानक परोसे जा रहे हैं ! इधर एक नया चलन OTT का शुरू हो गया है, जिस पर किसी का भी नियंत्रण नहीं है और कुछ भी दिखाने की आजादी है ! जिसके फलस्वरूप मौकापरस्त अपने लाभ के लिए कुछ भी बना कर यहां रिलीज कर छोटे-छोटे बच्चों के अपरिपक्व दिलोदिमाग में जहर भरने से बाज नहीं आ रहे !

आशा तो यही है कि #सरकार, #सूचना_तथा_संचार_मंत्रालय इस तरफ ध्यान देंगें और इस तरह के, अवाम, समाज, देशहित विरोधी चलन पर सख्ती से रोक लगाएंगे। 

16 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सटीक

शुभकामनाएं शिक्षक दिवस पर।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आभार, सुशील जी

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सुन्दर और सारगर्भित।
शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई हो आपको।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

अनेकानेक धन्यवाद, शास्त्री जी

Unknown ने कहा…

बहुत सुंदर, उत्तम।happy teachers day sir .

Meena sharma ने कहा…

बहुत ही सूक्ष्म दृष्टि व दूरदर्शिता से किया गया आकलन।इसको हम रोक नहीं पाएँगे। जरूरत इस बात की है परिवार की एकता को,परिवार की आवश्यकता को दिखानेवाले कार्यक्रम दुगुनी संख्या में प्रसारित किए जाएँ।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

@unknown जी
पहचान के साथ आऐं और भी खुशी होगी

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

मीना जी
दिन ब दिन धन लिप्सा अवनति की ओर ले जा रही है

कदम शर्मा ने कहा…

Ott पर समय रहते लगाम कसनी बहुत जरूरी है

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कदम जी
बिल्कुल,सहमत पूरी तरह

Kamini Sinha ने कहा…

सादर नमस्कार ,

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (8-9 -2020 ) को "ॐ भूर्भुवः स्वः" (चर्चा अंक 3818) पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

कामिनी जी
सम्मिलित करने हेतु अनेकानेक धन्यवाद

Rakesh ने कहा…

अपनी सदस्यता बेचने हेतु ये किसी भी हद तक जा सकते हैं टीवी पर एक रिचार्ज में पूरा परिवार आईपीएल देख सकता है मगर ओटीटी प्लेटफॉर्म हर मोबाइल के लिए रिचार्ज मांगता है इसलिए ये परिवार को तोड़ने वाले एड दिखाते है

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

@hindiguru
अपने मतलब के लिए ये किसी भी हद तक जा सकते हैं, नकेल कसनी जरूरी है

अनीता सैनी ने कहा…

सही कहा सर। मैं भी जब यह ऐड देखती हूँ लाखों प्रश्न मन में उमड़ पड़ते है ऐसे समय में ऐसी सोच।बहुत अच्छा लगा आपके विचार पढ़कर ।मन को सुकून मिला।
बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

अनीता जी
ऐसी हर बात का पुरजोर विरोध होना चाहिए ! हम लोग इसे हल्के में ले लेते हैं जिसका दूरगामी असर होता है

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