गुरुवार, 22 नवंबर 2012

आंसू तो दिल की जुबान हैं

वैज्ञानिकों के अनुसार आंसूओं में इतनी अधिक कीटाणुनाशक क्षमता होती है कि इससे  छह हजार गुना ज्यादा  जल में भी इसका प्रभाव बना रहता है। एक चम्मच आंसू, सौ गैलन पानी को कीटाणु रहित कर सकता है।

दुनिया में शायद ही कोइ ऐसा इंसान होगा जिसकी आँखों से कभी आंसू न बहे हों। जीवन के विभिन्न  हालातों, परिस्थितियों, घटनाओं  से इनका अटूट संबंध रहता है। समय कैसा भी हो, दुख का, पीड़ा का, ग्लानी का, परेशानी का, खुशी का, यह नयन जल नयनों का बांध तोड़ खुद को उजागर कर ही देते हैं। 

 मन की विभिन्न अवस्थाओं पर शरीर की प्रतिक्रिया के फलस्वरुप आंखों से बहने वाला, जब भावनाएं बेकाबू हो जाती हैं तो मन को संभालने वाला, दुःख के समय मन को  हल्का करने वाला, सुख के अतिरेक में भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम, शरीर का साथी है यह  "अश्रु"। इतना ही नहीं सामान्य अवस्था में  यह हमारी आंखों को साफ तथा कीटाणुमुक्त भी  रखता है। 

इसके सामान्यतया तीन रूप होते हैं। पहला आँखों में नमी बनाए रखता है जिससे आँख साफ रहती है और आखों का सूखेपन से होने वाले नुक्सान से बचाव होता है। दूसरा कभी धूल कण या कोइ कीट वगैरह के आँख में पड़ जाने से आँखें जल से भर जाती हैं जिससे अवांछित  वस्तु  बाहर आ जाती है और तीसरा सबसे अहम् है इसका रुदन-समय पर बहने वाला रूप। वैसे  बीमारी तथा भोज्य पदार्थ की तीक्ष्णता  इत्यादि के कारण भी आँखों से पानी निकल आता है।    

आंसू का उद्गम "लैक्रेमेल सैक" नाम की ग्रन्थी से होता है। भावनाओं की तीव्रता आंखों में एक रासायनिक क्रिया को जन्म देती है, जिसके फलस्वरुप आंसू बहने लगते हैं। इसका रासायनिक परीक्षण बताता है कि इसका 94 प्रतिशत पानी तथा बाकी का भाग रासायनिक तत्वों का होता है। जिसमें कुछ क्षार और लाईसोजाइम नाम का एक यौगिक रहता है, जो कीटाणुओं को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसी के कारण हमारी आंखें जिवाणुमुक्त रह पाती हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार आंसूओं में इतनी अधिक कीटाणुनाशक क्षमता होती है कि इससे  छह हजार गुना ज्यादा  जल में भी इसका प्रभाव बना रहता है। एक चम्मच आंसू, सौ गैलन पानी को कीटाणु रहित कर सकता है।
ऐसा समझा जाता है कि कभी ना रोनेवाले या कम रोनेवाले मजबूत दिल के होते हैं। पर डाक्टरों का नजरिया अलग है, उनके अनुसार ऐसे व्यक्ति असामान्य होते हैं। उनका मन रोगी हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों को रोने की सलाह दी जाती है। तो जब भी कभी आंसू बहाने का दिल करे (प्रभू की दया से मौके खुशी के ही हों) तो झिझकें नहीं।
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वैधानिक चेतावनी : आंसू की इस परिभाषा का भी ध्यान रखें -
It is a hydrolic force through which Masculine WILL POWER defeated by Feminine WATER POWER.

1 टिप्पणी:

Kulwant Happy ने कहा…

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