शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

आप विराम चिन्ह भेज दें, उनमें शब्द हम खुद डाल दिया करेंगें !!!

विराम चिन्ह, पूर्ण, अर्द्ध या लघु जैसे भी हों यदि सही जगह ना लगे हों तो अर्थ का अनर्थ होना तय है। इनका भाषा को सुधारने या बिगाड़ने में बहुत बड़ा हाथ होता है। इसलिए बहुत सोच-समझ कर ही इनका उपयोग करना चाहिए।  इधर का उधर या उधर का इधर लग जाने पर विषय तो विष बन ही सकता है, प्रूफ पढने वालों के दांतों तले भी पसीना आ जाता है, कुछ का कुछ पढ कर, और उसे सही करने में !

एक बार क्या हुआ कि मेरे जैसे एक बंदे ने एक लंबा सा लेख एक पत्रिका को भेज दिया, साथ में एक पत्र भी था जिसमें लिखा था, संपादक महोदय रचना भेज रहा हूं। समयाभाव के कारण विराम चिन्हों का उपयोग नहीं कर पाया हूं, कृपया खुद लगा लें। तुरंत ई-मेल से उन्हें जवाब आया, आइंदा आप विराम चिन्ह ही भेज दिया करें उनके बीच शब्द हम खुद डाल दिया करेंगे।

मुझे लगता है कि कुछ ऐसी ही रचना रही होगी :-
एक गांव में पति पत्नी अपने परिवाए के साथ रहते थे। गांव में काम ना होने के कारण पति को दूसरे शहर जाना पड़ रहा था। जाने के पहले पति ने अपनी पत्नी को आजकल के साक्षर बनाने वाले स्कूल में दाखिल करवा दिया जिससे वह पत्र द्वारा घर की खबर वगैरह उसे भेज सके। एक दिन उसने अपने पति को चिट्ठी लिखी, जो कुछ यूं थी - "मेरे चरण दास मेरा प्रणाम आपके पैरों में। आपने अभी तक चिट्ठी नहीं लिखी मेरी सहेली को। नौकरी मिल गई है हमारी गाय ने। बछड़ा दिया है दादा जी ने। शराब शुरू कर दी है मैंने। तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आए कुत्ते के बच्चे। भेडि़या खा गया दो महीने का राशन। छुट्टी पर आते हुए ले आना एक खूबसूरत औरत। इस वक्त वही गाना गा रही है हमारी बकरी। बेच दी गई है तुम्हारी मां। तुमको याद कर रही है एक पड़ोसन। हमें बहुत तंग करती है तुम्हारी बहन। सिरदर्द से लेटी है तुम्हारी प्राणों की प्यासी पत्नी।"

पत्र पा कर पति का क्या हाल हुआ होगा, जो समझा कर गया था कि पत्र लिखते समय ऊपर प्रिय प्राण नाथ लिख कर शुरू करते हैं तथा पत्र खत्म करते समय आपके चरणों की दासी लिखते हैं। अब बेचारी घर के काम के टंटों में सब गड़्ड़मड़्ड़ कर गयी तो उसका क्या कुसूर :-)

9 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

:):)...विराम चिह्नों का गलत प्रयोग क्या से क्या कर सकता है....सटीक उदाहरण दे कर समझाया है

P.N. Subramanian ने कहा…

-----!

सुज्ञ ने कहा…

क्या खूब!!
तमाखू खाओ नहिं खाओगे तो केंसर होगा।
तमाखू खाओ, नहिं खाओगे तो केंसर होगा।
तमाखू खाओ नहिं, खाओगे तो केंसर होगा।

बिलकुल विपरित अर्थ।

Shah Nawaz ने कहा…

:-)

राज भाटिय़ा ने कहा…

:)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

बहुत ही बढ़िया उदाहरण विराम चिन्हों के गलत प्रयोग का.

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बहुत प्यारा व्यंग्य।
--------
ये साहस के पुतले ब्लॉगर।
व्यायाम द्वारा बढ़ाएँ शारीरिक क्षमता।

समय चक्र ने कहा…

गुरुदेव विराम का फंडा ही कुछ और है .... इसके उपयोग से माइने बदल जाते हैं .....

Neelam ने कहा…

Bahut achha likhti hain aap.

विशिष्ट पोस्ट

रणछोड़भाई रबारी, One Man Army at the Desert Front

सैम  मानेक शॉ अपने अंतिम दिनों में भी अपने इस ''पागी'' को भूल नहीं पाए थे। 2008 में जब वे तमिलनाडु के वेलिंगटन अस्पताल में भ...