इंसान ही नहीं पक्षी भी प्रणय निवेदन करते हैं। उनको भी अपनी प्रेमिका को रिझाने के लिए हाड़ तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। हालांकि ज्यादातर पक्षियों में नर ही खूबसूरत होता है फिर भी उसे मादा को मनाने के लिए दिन रात एक करना पड़ता है।
सबसे सुंदर पक्षी मोर की बात करें तो जब जोड़ा बनाने का समय आता है तो इतने खूबसूरत नर को भी कुछ-कुछ बदसूरत (नर के मुकाबले) मोरनी के सामने अपने सुंदर पंखों को फैलाए घंटों नाचते इठलाते रहना पड़ता है। तब कहीं जा कर मैड़म का मन पसीजता है।
बया एक कलाकार पक्षी है। उसके बनाए घोंसले को देख इंसान के दांतों तले ऊंगली अपने आप चली जाती है। वर्षा ऋतु के समय वह घोंसला बनाता है। इस कलात्मक काम में वह पूरी तरह ड़ूब जाता है। इतना प्यारा साफ सुथरा और सुरक्षित घर बनाने के बावजूद नखरीली मादा को घर जल्दी पसंद नहीं आता। वह जब तक क्लीयरिंग लायसेंस नहीं दे देती तब तक नर घर को और बेहतर करने में जुटा रहता है। इस घोंसले में अलग-अलग कक्ष होते हैं तथा कभी-कभी रोशनी के लिए जुगनूओं को भी काम में लाया जाता है।
नीलकंठ इतना खूबसूरत पक्षी। इनमें नर और मादा करीब-करीब एक जैसे ही होते हैं। नर अपनी सहेली को खुश करने के लिए हवा में उड़ कर तरह-तरह के करतब दिखाता है। कयी बार तो वह ऊपर से ऐसे पत्थर की तरह नीचे गिरता है जैसे उसकी जान ही निकल गयी हो पर जमीन के पास आते ही फिर वह ऊपर उड़ जाता है। ऐसा कब तक? जब तक अगली मान ना जाए।
कबूतर, सबसे प्रेमिल जीव। अपनी मादा को रिझाने के लिए वह अपने पंख फैलाए उसके चारों ओर गुटरगूं करता चक्कर लगाता रहता है। यह प्राणी एक बार जिससे जोड़ा बना लेता है उसका साथ जीवन भर नहीं छोड़ता। इसीलिए कबूतर सदा जोड़े मे ही दिखाई पड़ता है।
प्रेमी हो तो सारस जैसा। यह अपने प्रेम के लिए जगत प्रसिद्ध है। नर और मादा एक दूसरे के लिए सदा समर्पित रहते हैं। यदि इनमें से किसी एक की भी मृत्यू हो जाए तो दूसरा भी अन्न-जल त्याग कर अपनी जान दे देता है।
सारस के ठीक विपरीत जीवन शैली है हंस की। यह निड़र पर नाजुक पक्षी बहुपत्नी प्रथा को मानने वाला होता है। अपने सौंदर्य और मनलुभावनी चाल के कारण लोकप्रिय हंस की बहुत सारी पत्नियां होती हैं।
पक्षी अनेक पक्षी कथा अनंता। सैंकड़ों जातियों के इन जीव-जंतुओं की अनेकों विचित्रताएं हैं। शुरु करो तो समय खत्म हो जाए।
कुछ फिर कभी।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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3 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर जानकारी दी आपने और बहुत अच्छा लेख.
आप की रचना 16 जुलाई के चर्चा मंच के लिए ली जा रही है, कृप्या नीचे दिए लिंक पर आ कर अपने सुझाव देकर हमें प्रोत्साहित करें.
http://charchamanch.blogspot.com
आभार
अनामिका
गगन जी,
एक पंडुक पक्षी (जिसे36गढ में पंड़की चिरई कहते हैं) होता है। यह भी अपना जोड़ा कभी नहीं छोड़ता। हमेशा जोड़े में रहते हैं,गौरैया जैसा होता है और उससे बड़ा दिखता है। आपको कभी बिजली के तारों पर बैठा हुआ दिख जाएगा।
कहते हैं कि प्रेम हो तो पंडुक पक्षी जैसा।
आपने बहुत अच्छी पोस्ट लिखी।
वैसे भी इन्सानों को क्या कुछ नहीं करना पड़ता।
एक जोड़ा बनाने-बनाकर बचाए रखने के लिए:)
पक्षी पुराण बहुत पसंद आया. लीरा और बर्ड ऑफ़ पेराडैस को youtube बे ढूंढे. अच्छा लगेगा.
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