गुरुवार, 8 जुलाई 2010

आक्टोपस, हमारे भविष्यवक्ताओं के लिए खतरे की घंटी

जय हो पाल बाबा की।

सारे संसार में फ़ुटबाल का जादू जितना सर चढ का बोल रहा है उससे इस पाल बाबा की चर्चा कम नहीं है। जिन्हें इस खेल से कोई मतलब नहीं है उनके कानों में भी इससे जुड़ी खबरें "गोल" बनाती जा रही हैं। अब तो गली-गली इस भविष्यकर्ता की चर्चा है। फिर भी एक बार इस आक्टोपसानंद के बारे में बता देना सामयिक रहेगा।

जर्मनी के चिड़ियाघर में रह रहे एक आक्टोपस "पाल" से यह सब कैसे शुरु हुआ उसकी मेरे को जानकारी नहीं है। इसके द्वारा भविष्य जानने की कैसे और किसे उत्सुकता हुई या मजाक-मजाक में कुछ शुरु हुआ और सच होता गया कह नहीं सकता। पर यह पाल बाबा अब जो भी बताते हैं वह आश्चर्यजनक रूप से सही होता चला जा रहा है।
जर्मनी-स्पेन के मैच के पहले इन महाशय ने स्पेन की जीत की भविष्यवाणी कर दी थी तो बहुतों को लगा था कि इस बार यह गलत साबित हो जाएगी पर नतीजा सबके सामने है।

भविष्य जानने के लिए इसके जार में जिनका मैच होने वाला होता है उन देशों के झंड़े लगे दो ड़िब्बे उतार दिए जाते हैं यह योगी बाबा जिस डिब्बे पर बैठ जाते हैं उसी टीम को इनका आशीर्वाद मिल गया समझा जाता है।

शुरू-शुरू में जर्मनी और सर्बिया के मैच में जब इसने सर्बिया की जीत की भविष्यवाणी की थी तो सभी ने इसे बहुत हल्के से लिया था। पर सर्बिया से जर्मनी की हार ने इसके प्रति लोगों की उत्सुकता बढा दी और पाया कि इसका कहना शत-प्रतिशत सही हो रहा है। फिर भी खिताब के प्रबल दावेदार अर्जेंटिना की जर्मनी के हाथों हार की इसकी भविष्यवाणी पर औरों को तो छोड़ें खुद जर्मनी के प्रशंसकों को भी विश्वास नहीं हो पा रहा था पर सब सच होता चला गया।
तो क्या कहेंगे आप इस पालास्वामी के तुक्कों के बारे में :-)

यह जो हो रहा है, वह जो कुछ भी है पर एक आश्चर्य की बात और है कि अपने यहां बात-बात को अंधविश्वास कहने और आस्था का मजाक उड़ाने वालों की कोई प्रतिक्रया योरोप वासियों के इस कृत्य पर, जिस पर सट्टा भी लगना शुरू हो गया है, सामने नहीं आ रही है।

चलिए छोड़िए सब, आगे क्या होता है फायनल में देखते हैं।

9 टिप्‍पणियां:

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

Final hi asli pareekshaa hai.

P.N. Subramanian ने कहा…

ठीक है फ़ाइनल ही बताएगा.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

यह तो भविष्य ही बतायेगा!

Udan Tashtari ने कहा…

देखते चलें..

राज भाटिय़ा ने कहा…

अजी यह एक अंधविश्वास के सिवा कुछ नही, सब मेचो को अगर हम ध्यान से देखे तो रजल्ट सब को पहले ही पता चल जाता है, स्पेन अभी य्रुरोपा मास्टर है... आगे देखे क्या होता है.

Shah Nawaz ने कहा…

2000 करोड़ की संपत्ति की मालकिन, एक नव-यौवना को तलाश है मिस्टर राइट की!

क्या अब आपका नंबर है? ;-)

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

कुछ तो है!!

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

उम्दा पोस्ट

आपके ब्लाग की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर भी है-क्लिक करें

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

लो अब तो तोता भी मैदान मे आगया :-)

विशिष्ट पोस्ट

रणछोड़भाई रबारी, One Man Army at the Desert Front

सैम  मानेक शॉ अपने अंतिम दिनों में भी अपने इस ''पागी'' को भूल नहीं पाए थे। 2008 में जब वे तमिलनाडु के वेलिंगटन अस्पताल में भ...