फिजिक्स की क्लास में एक बच्चे ने सर से कहा कि बरसात में मुझे जब बिजली चमकती है और बादल गरजते हैं तो बहुत ड़र लगता है, मैं क्या करूं? टीचर ने समझाया, देखो बेटा, जब बिजली चमकती है और बादल गरजते हैं तो जो कुछ होना होता है वह हो चुका होता है। हमें कुछ देर बाद ही आवज और चमक दिखाई पड़ती है। इसलिये डरने की कोई बात ही नहीं है। यदि पहले कुछ होता है तो हमें पता चलने से पहले ही हो चुका होता है। उसमें फिर ड़रने के लिये कोई बचता ही नहीं है। इस डर को बाहर निकालो और अपने अध्ययन में दिल लगाओ। जब जो होना है उसे कोई नहीं रोक पायेगा। सब निश्चित है।
उस बच्चे की तरह हम सब अंत से डरते, अनहोनी की आशंका में इस खुदा की नेमत जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा एवंई गवां देते हैं। मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारे, चर्च में जा कर अपनी रक्षा, अनहोनी से बचाव या संकट में उससे सहायता की गुहार लगाते रहते हैं। कितने जने हैं जो वहां जा कर कुछ मांगने की अपेक्षा उसे इस सुंदर जीवन को देने का धन्यवाद करते हैं?
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क्या आप जानते हैं कि श्री कृष्णजी ने अर्जुन को दो बार गीता का उपदेश दिया था?
आगामी कल।
12 टिप्पणियां:
सर ने सही समझाया बच्चे को !
सर ने बच्चे को अच्छा समझाया .. और आपने हमलोगों को .. धन्यवाद !!
सुंदर और सकारात्मक उपदेश, शुभकामनाएं.
रामराम.
सुन्दर एवं शिक्षाप्रद प्रसंग.....
धन्यवाद्!!
ज्ञान बाँटने के लिए धन्यवाद!
सीखने योग्य!
आपकी लेखन शैली का कायल हूँ. बधाई.
आगामी कडि़यों का इंतजार है.
सही है, हमें तो गीता के उपदेश का एक बार का ही पता है। आगामी कल का इंतजार लगाये बैठे हैं...
बिलकुल सच्चा सुच्चा उपदेश दिया सर ने आभार
बात समझ में आती है
गगन भाई साहब आप तो कमाल के अन्दाज़ में लिखते हैं....पढा और कायल हो गए....
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