बहुत बार देखा है कि किसी-किसी पोस्ट पर अनेक वर्तनी की गल्तियां होती हैं। जो लिखने वाले वाले से नहीं लिखवाए जाने वाले माध्यम की सिमितताओं का नतीजा होती हैं। आज पाबला जी की पोस्ट पर अच्छी जानकारी थी। पर hindikalam.com का जिक्र मैंने कहीं नहीं पाया। मैं इसी माध्यम का उपयोग करता हूं, और मुझे लगता है कि इस पर लिखने से हिंदी के एक-दो शब्दों को छोड़ सारे कलिष्ट शब्द भी लिखे जा सकते हैं। । साथ ही यह है भी बहुत आसान। एक बार तो आजमाया ही जा सकता है।
हाँ, कापी-पेस्ट की जहमत तो उठानी पड़ेगी। इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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16 टिप्पणियां:
गगन शर्मा जी!
वैसे तो मुझे यूनीकोड सहित 4 प्रकार के की-बोर्ड याद हैं। हिन्दी कलम भी आज़मा कर देखते हैं।
जानकारी के लिए आपका आभार!
उम्दा जानकारी मिली अब देखते है आगे....
ठीक है .. आजमाकर देखते हैं !!
हाँ, कापी-पेस्ट की जहमत तो उठानी पड़ेगी। लेकिन क्यो ? मुझे कईयो ने कहा कि वो कापी पेस्ट करते है,मै बाहरा (हिन्दी) लिखने का टुल इस्तेमाल करता हुं, जिस से सिर्फ़ एक शब्द ग्याणदत्त का पहला शब्द टाईप नही होता, बाकी सब शव्द टाईप होते है, ओर आज तक कभी कापी पेस्ट नही की एक दम सीधा लिखता हुं.
चलिये हम भी आप के इस नये टुल को आजमा कर देखेगे, जानकारी के लिये ध्न्यवाद
मैँ भी बिना कापी-पेस्ट किए सीधे ही हिन्दी में लिखता हूँ
जानकारी के लिए आपका आभार!.......
यूनिकोड मे सब सही टाइप होता है जैसे ज्ञानदत्त ,क्लिष्ट मुम्बई पोळी लखनऊ कई सीमितताएँ पढ़ाई आदि - ट्राई करें शरद कोकास
आभार-जानकारी के लिए
जानकारी के लिए आभार मित्र.
निश्चित ही बरहा से टाइपिंग सुविधाजनक है । भाटिया जी का ज्ञानदत्त भी सही सही टाईप होता है । आभार ।
मेरी पोस्ट पर बताई गई सुविधा से ऐसे कम्प्यूटरों पर भी हिंदी लिखी जा सकती है जो इंटरनेट से जुड़े हुए नहीं हैं।
hindikalam जैसी सुविधायों के लिए इंटरनेट का चालू रहना अत्यावश्यक है।
बी एस पाबला
यह हिन्दी के साथ मजाक है या उर्दू के साथ, इसका नाम हिन्दी कलाम है जैसे अबुल कलाम, अगर कलम होता तो वह Q से लिखा जाता qalam,
दूसरे इसमें या उसमें 55 देशों में फैले हुये इस्लाम धर्म के ग्रंथ का नाम क़ुरआन ठीक नही xकुरानx लिखा जाता, महान चिपलूनकर qur-aan लिखकर मिले कुर-आन लिखने लगे और दुख तो यह देखकर भी हुआ के इसमें कैरानवी भी नहीं लिख पाया, लानत है लानत है लानत है
आजकल देवनागरी लिखने के सैकड़ों सॉफ्टवेयर मौजूद हैं। कुछ केवल इंटरनेट से जु।दने पर लिखते हैं कुछ बिना इंटरनेट से जुड़े भी (अर्थात, आफलिन) लिख सकते हैं। कुछ किसी भी टेक्स्ट विन्डों में लिख सकते हैं, (अर्थात कॉपी-पेस्ट की अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी पड़ती) तो कुछ किसी एक टेक्स्ट-बक्से में ही लिखते हैं जिससे कापी करके आपको सही बक्से में चिपकाना पड़ता है। कुछ ध्वन्यात्मक (फोनेटिक) हैं (राम लिखने के लिये raam दबाओ, 'रम' लिखने के लिये 'ram' आदि। यह अंग्रेजी टाइप के आदी लोगों को सुविधाजनक लगते हैं) दूसरे जो हैं वे इन्स्क्रिप्ट या रैमिंघटन कुंजीपटल की सुविधा देते हैं जिनके लिये आपको यह जानना जरूरी है कि किस कुंजी को दबाने से 'क' टाइप होता है और किससे छोटी इ की मात्रा लगती है, आदि)। इसी तरह कुछ प्रोग्रामों को इंस्टाल करना पड़ता है तो कुछ फायरफाक्स आदि के 'ऐड-आन' प्रोग्राम हैं। इन 'ऐड-आन' प्रोग्रामों को आप अपने ब्राउजर में जोड़ दें तो वे किसी भी टेक्स्ट बक्से में हिन्दी लिखने की सुविधा देते हैं, चाहे आप आनलाइन हों या आफलाइन उदाहरण - ट्रान्सलिटरेटर (http://www.benya.com/transliterator/) नामक ऐड-आन प्रोग्राम।
मेरा विचार है कि उन प्रोग्रामों का प्रचार-प्रसार करना चाहिये जो-
१) आफलाइन भी चलते हों;
२) किसी भी टेक्स्ट विन्डो में हिन्दी लिख सकते हों;
३) उनमें फोनेटिक कुंजीपटल, इंस्क्रिप्ट कुंजीपटल और अन्य कुंजीपटलों का विकल्प मौजूद हो;
४) प्रयोग करने में सरल हो और नि:शुल्क उपलब्ध हों।
इस विषय पर सभी प्रोग्रामों का एक सम्पूर्ण सर्वे करने तथा उसके उपरान्त एक विस्तृत लेख लिखने की जरूरत है।
इसमें kairaanavii लिख देखें
उसमें kairaanavii लिख देखें
कैरानवी ही लिखा आयेगा
कलम लिखने के लिये kalam ही लिखा जायेगा, जबकि कलाम लिखने के लिये kalaam लिखा जायेगा
जब q लिखा जायेगा तो क़ लिखा आयेगा (क के नीचे बिंदी पर ध्यान दें) जबकि k लिखे जाने पर क लिखा आयेगा
हिंदी लिखना बच्चों का खेल नहीं है
जानकारी के लिए आभार मित्र.
may be kalam ke sahayatha se karathi hu
पता नहीं किस कारणवश हिंदी कलम बंद हो गया है।
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