शम्मी कपूर! जी हां, शम्मी कपूर। बहुत से लोगों को यह जान कर हैरत होगी कि शम्मीजी 1988 से कम्प्यूटर और इंटरनेट का लगातार इस्तेमाल करते आ रहे हैं। इस तरह भारत में इस टेक्नोलोजी का सबसे पहले उपयोग करने वाले इने-गिने लोगों में उनका स्थान है। आज यह 80 वर्षीय इंसान फ़िल्म जगत का सबसे अधिक पारंगत कम्प्यूटर यूजर है।
जब पहली बार वे कम्प्यूटर और प्रिंटर घर लाए थे तो दिन भर उस पर अपने प्रयोग करते रहते थे। एक बार उनके दामाद केतन देसाई के साथ अनिल अंबानी उनके घर आए तो सारा ताम-झाम देख कुछ समझ ना पाये और पूछ बैठे कि क्या शम्मी अंकल ने घर पर ही डेस्क-टाप पब्लिशिंग शुरू कर दी है। इतने बडे ओद्योगिक समूह रिलायंस के अनिल अंबानी द्वारा ऐसा सवाल यह दर्शाता है कि उस जमाने में पर्सनल कम्प्यूटर नाम की किसी चीज से लोग कितने अनभिज्ञ थे। इसीसे यह तथ्य भी पुख्ता होता है कि शम्मीजी भारत में कम्प्यूटर और इंटरनेट के घरेलू उपयोग को बढ़ावा देने वाले रहे हैं। इसीलिए उन्हें भारत का पहला इंटरनेट गुरू या साइबरमैन कह कर पुकारा जाता है। इसी शौक से उन्हें अपने पचास साल पुराने दोस्त, जो विभाजन के पश्चात पाकिस्तान चले गये थे, से संपर्क साधने का मौका मिला और आज दोनो दोस्तों की फिर खूब छनती है इंटरनेट पर।
इस तकनीक को धन्यवाद जिसने इस दोस्ती को फिर जिंदा कर दिया। यही तकनीक आज बहुत से ऐसे लोगों को दुबारा मिलाने की जिम्मेदार है जो किन्हीं कारणों से एक दुसरे से बिछुड गये हैं।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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4 टिप्पणियां:
mujhe is baat kee jankaaree mere mitr manish ne dee thee
aaj pusti hui
bahut badhiya janakari di hai apne dhanyawaad. mujhe to net par kareeb do sal bhi nahi huye hai .thanks.
रोचक जानकारी!! आभार!
जरा वे ब्लाग पर आएँ तो मजा आ जाए। भले ही सप्ताह में एक बार ही आएँ।
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