शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

हैप्पी गुड फ्रायडे ??

आज भी वह वाकया याद है ! गुड़ फ्रायडे की छुट्टी थी । सुबह-सुबह  एक सज्जन का फोन आ गया। छूटते ही बोले,  सर हैप्पी गुड फ्रायडे।  मुझसे कुछ बोलते नहीं  बन पडा ! पर फिर धीरे से कहा, भाई; कहा तो गुड फ्रायडे ही जाता है, लेकिन है यह  एक  दुखद दिवस।  इसी दिन ईसा मसीह को मृत्यु दंड दिया गया था। किसी  क्रिश्चियन दोस्त को बधाई  मत दे बैठना.....!

#हिन्दी_ब्लागिंग 

ऐसे बहुत से  लोग हैं,  जिन्हें  सिर्फ छुट्टी  या  मौज - मस्ती  से  मतलब   होता है।  उन्हें  उस दिन  विशेष  के  इतिहास या उसकी प्रासंगिकता से कोई लेना - देना  नहीं होता !   ऐसा  ही  कुछ  "हादसा"  मेरे संस्थान में होते-होते बचा था जब एक भले आदमी ने छुट्टी का नोटिस जारी करते समय "गुड फ्राइडे के उपलक्ष्य में" लिख दिया था ! समझाने पर वही  तर्क कि जब गुड़ कहा जाता है तो इसका  मतलब अच्छा ही हुआ ना ? और उन महाशय जी ने इतिहास में M.A. की डिग्री ले रखी थी !   

वैसे यह सवाल बच्चों को तो क्या बड़ों को भी  उलझन  में डाल  देता  है  कि जब  इस  दिन इतनी दुखद घटना घटी थी तो इसे "गुड़" क्यों कहा जाता है?  ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें सिर्फ छुट्टी या मौज - मस्ती से मतलब होता है, उन्हें उस दिन विशेष के इतिहास  या उसकी प्रासंगिकता से कोई  मतलब नहीं होता। अब इसी दिन को लें, सुबह की बधाई को याद रख, दूसरे दिन काम पर जा बहुतेरे लोगों से इस दिन के बारे में पूछने पर, इक्के - दुक्के को छोड कोई ठीक जवाब  नहीं  दे पाया। उल्टा  उनका  भी यही प्रश्न  था  कि फिर इसे  गुड  क्यों  कहा जाता है। इसका यही  उत्तर है कि  यहाँ "गुड"   का  अर्थ  "HOLY"  यानी पावन के अर्थ में लिया जाता है. क्योंकि इस दिन यीशु ने सच्चाई का साथ देने और लोगों की भलाई के लिए, पापों में डूबी मानव जाति की मुक्ति के लिए उसमें सत्य, अहिंसा,त्याग और प्रेम की भावना जगाने के लिए अपने प्राण त्यागे थे। उनके अनुयायी उपवास रख पूरे दिन प्रार्थना करते हैं और यीशु को दी गई यातनाओं को याद कर उनके वचनों पर अमल करने का संकल्प लेते हैं।

वैसे भी शुक्रवार का दिन बाइबिल में अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं से जुडा हुआ है, जैसे उसके अनुसार सृष्टि में पहले मानव का जन्म शुक्रवार को हुआ माना जाता है ! प्रभु की आज्ञाओं का उल्लंघन करने पर आदम व हव्वा को शुक्रवार के दिन ही अदन से बाहर निकाला गया था । ईसा शुक्रवार को ही गिरफ्तार हुए, जैतून पर्वत पर अंतिम प्रार्थना उन्होंने ने शुक्रवार को ही की और उन पर मुकदमा भी शुक्रवार के दिन ही चलाया गया। शुक्रवार के दिन निर्दोष होते हुए भी ईसा को क्रूस पर चढ़ाया गया !
यह कोई जरुरी नहीं कि हरेक को हर चीज का ज्ञान हो ही ! पर उसको व्यवहार में लाते या उपयोग करते वक्त उसकी जानकारी जरूर ज्ञात कर लेनी चाहिए नहीं तो कई बार विचित्र और विकट स्थितियों का सामना करना पड़ जाता है ! 

12 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

गुड फ्राइडे की बदाई हो।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

शास्त्री जी
सुरक्षित रहें स्वस्थ रहें

Kadam Sharma ने कहा…

Sunder jankari

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आभार, कदम जी

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

सुंदर संदेशपूर्ण तथा सही जानकारी देने के लिए धन्यवाद, गगन जी।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

जिज्ञासा जी
सदा स्वागत है आपका

ज्योति सिंह ने कहा…

बहुत खूब,बिल्कुल सही है, बगैर जानकारी किसी के साथ हैप्पी जोड़ देने से खुद का ही मजाक बन जाता है, नकल के लिए अक्ल का होना जरूरी है, अच्छी जानकारी, नमस्कार

संजय भास्‍कर ने कहा…

संदेशपूर्ण जानकारी देने के लिए धन्यवाद,

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

ज्योति जी
थोडी बहुत जानकारी तो जरूर रखनी चाहिए

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

संजय जी
हार्दिक आभार

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत लाभदायक जानकारी

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आलोक जी
"कुछ अलग सा" पर सदा स्वागत है आपका

विशिष्ट पोस्ट

"मोबिकेट" यानी मोबाइल शिष्टाचार

आज मोबाइल शिष्टाचार पर बात करना  करना ठीक ऐसा ही है जैसे किसी कॉलेज के छात्र को पांचवीं क्लास का कोर्स समझाया जा रहा हो ! अधिकाँश लोग इन सब ...