पुराने मुहावरों लोकोक्तियों या उद्धरणों को, जो अलग-अलग समय में अलग-अलग विद्वानों द्वारा अलग-अलग समय और परिस्थितियों में दिए गए थे, यदि अब एक साथ पढ़ा जाए, तो कई बार विरोधाभास तो हो ही जाता है साथ ही कुछ हल्के-फुल्के मनोरंजन के पल भी उपलब्ध हो जाते हैं। ऐसे ही कुछ उद्धरण, बिना किसी पूर्वाग्रह या कुंठा के, उन आदरणीय व सम्मानित महापुरुषों से क्षमा चाहते हुए पेश हैं ! आशा है सभी इसे निर्मल हास्य के रूप में ही लेंगे ...........................!
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
''तूने रात बिताई सोय कर, दिवस बितायो खाय,......जन्म अमोल था कौड़ी बदले जाए !''
* डॉक्टर कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए सोना बहुत जरुरी है ?
:
"साईं इतनी दीजिए, जा में कुटुंब समाए, मैं भी भूखा न रहूं, साधू न भूखा जाए।"
* वसुधैव कुटुम्बकम् ! तो कितने में कुटुंब समाएगा ?
:
''करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, रसरी आवत जात ते, सिल पर पड़त निसान।''
* पता नहीं कौन सुजान हुआ, सिल या रस्सी ?
:
''काल करे सो आज कर, आज करे सो अब, पल में परलय होएगी, बहुरी करोगे कब।"
* जल्दी का काम तो शैतान का कहलाता है ?
:
"धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब-कुछ होए, माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होए।"
* फिर बहुरी कब होगी ?
:
"जो। ...उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग. चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग।''
* जैसी संगति वैसा ही फल ! ओछे का संग तो अंगार जैसा होता है जो जलाता भी है और दाग भी छोड़ जाता है ?
:
''बूढे तोते भी कहीं पढ़ते हैं।''
* सीखने की कोई उम्र नहीं होती ?
:
''भूखे भजन न होय गोपाला।''
* भगवान भी पेट भरा होने पर सूझता है ?
:
"बूँद-बूँद से घड़ा भरता है।''
* समय कहां है, इंसान का जीवन तो बुलबुले के समान है ?
:
''You are what you eat.''
* आलू, प्याज, पालक, पनीर ?
:
''It takes two to make a quarrel.''
* एक से दो भले ?
:
''A honey tongue, a heart of gall.''
* मीठी बानी बोलिए ?
:
''Cut your coat according to your cloth."
* बे-माप, पहना कैसे जाएगा ?
:
''Silence is the best.''
* बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती ?
:
''A Little Knowledge Is a Dangerous thing."
* ढाई अक्षर प्रेम का पढ़े सो पंडित होए ?
19 टिप्पणियां:
बहुत खूब :)
हार्दिक आभार, सुशील जी
यशोदा जी
सम्मान देने हेतु बहुत-बहुत आभार
नमस्कार शर्मा जी, बहुत ही अद्भुत लिखा... आज का ये हास्य पुट अच्छा था।
उपयोगी लोकोक्ति और मुहावरे।
वाह
अलकनंदा जी
कोरोना काल के खाली समय की खुराफाती बातें :) :)
शास्त्री जी
नमस्कार, स्नेह बना रहे
@ hindiguru
हार्दिक धन्यवाद, सदा स्वागत है आपका
बहुत रोचक
ओंकार जी
हार्दिक आभार
Badhiya shodh! wah
धन्यवाद, कदम जी
क्या बात है।बहुत खूब आदरणीय।
दिव्या जी
अनेकानेक धन्यवाद
वाह ! बेहतरीन ।।
कुसुम जी
प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार
रोचक पोस्ट....
विकास जी
आपका सदा स्वागत है
एक टिप्पणी भेजें