एक हैं दिग्विजय सिंह। बड़े कांग्रेसी नेता हैं। कई बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। बड़े-बड़े बयान देते रहते हैं। बड़े-बड़े बयानों से बड़ी-बड़ी परेशानियां खडी होती रही हैं। अभी पिछले दिनों ओसामा के पीछे "जी" लगा कर बड़ी-बड़ी खबरों में छाए रहे थे। पार्टी के और बड़े-बड़े लोगों ने समझाया, कुछ देर शांत रहे पर कल फिर वैसा ही कुछ बोल गए।
बाबा रामदेव के जटिल आसनों से घबडा कर उन्होंने क्या कहा देखिए - " कांग्रेस बाबा से नहीं डरती। नहीं तो उन्हें अब तक जेल पहुंचा दिया होता। डर नहीं है, तभी तो खुला छोड़ा है।"
इसका एक अर्थ यह नहीं लगता कि जिससे भी कांग्रेस डरती है उसे जेल में बंद करवा देती है ?
अब ऐसे शब्द निकल जाते हैं कि निकाले जाते हैं यह भी शोध का विषय हो सकता है।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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12 टिप्पणियां:
चोर की दाडी मे तिनका.....
दिग्विजय जी, बिल्कुल सही फरमा रहे हैं...
आने वाले समय में भारतीय राजनीति में विदूषकों के रूप में लालू प्रसाद के बाद कोंग्रेस के दिग्विजय सिंह और सपा के अमर सिंह को याद किया जाता रहेगा. विदूषक के कार्यों पर फिर भी हँसी आया करती थी लेकिन इनकी हरकतों पर तो हँसी नहीं क्रोध आता है... न जाने कैसे ये जिस थाली में खाते हैं उसमें छेद कर लेते हैं.
मुझे इंतज़ार है ......... कभी तो सत्य का सूर्य उदय होगा इस राजनीति के गगन में.
हे ईश्वर! इनकी नादानी को माफ़ करना, ये नही जानते की क्या कह रहे है। बस कहने का पार्टी धर्म निभा रहे हैं।
मुझे तो ऐसा लगता है कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को खुला छोड़ रखा है शायद जान-बुझकर ?
दिग्गीै राजा सही कह रहे हैं प्रजातंत्र ने कमान मनमोहन जी को दी हैं, बाबा जी को नही , इन बाबा जी द्वारा भीडतंत्र को लोकतंत्र का जामा पहनाने का प्रयास प्रजातंत्र के लिऐ आत्मtघाती कदम हैं, सवा सौ करोड में पांच दस लाख को जुटाकर जब हम अपने देश की ही सरकार को ललकारेगे तो विदेश के लोग तो आसानी से हमारी ऐसी की तैसी कर देगें, राम देव जी अगर योग को घर घर तक पहुचाने की बात करते हैं तो भष्ट्रासचार रहित संस्का र की बाते भी घर घर पहुचा सकते थे इस तरह दिल्लीे के रामलीला मैदान में पांच सितारा टेण्टस लगाकर ग्याारह हजार चार सौ करोड के योगी का चंदे में पांच दस लाख की मांग करना क्यां अस्वाटभाविक नही हैं ........खैर पब्लिक सब खेल समझ रही हैं सब मीडिया के कैमरे का कमाल हैं......सतीश कुमार चौहान भिलाई satishkumarchouhan@blogspot.com
वैसे यह हमारे प्रजातंत्र का ही कमाल है कि बिना चुनाव की अग्नि में तपे कोई हमें वर्षों तक मोहता रह सकता है।
यदि कांग्रेस डरती नहीं तो अन्ना के आगे और अब बाबा के आगे शीर्षासन नहीं करती | और जिस दिन बाबा को कांग्रेस गिरफ्तार करवा देगी उसी दिन कांग्रेस का भूगोल भी गड़बड़ा जायेगा |
‘एक हैं दिग्विजय सिंह। बड़े कांग्रेसी नेता हैं। ’
और बड़े बेशरम भी :(
kaalaa dham...swish bank.......shaayed sabse jyaadaa prob. diggi raajaa ko ho sakti hai...tenson me honge...
कांग्रेस डरती नहीं
दिनांक - 5 जून। रामलीला मैदान में रावणलीला।
सार - कोई यह नहीं कह सकता कि हम ऐसे ही कुछ भी कह देते हैं। देखो ड़रने पर 'हम' क्या कर सकते हैं।
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