गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

B.S.N.L. मेहरबान तो ब्लागिंग पहलवान।

पिछले तीन तारीख से यह मायाजाल रूठा हुआ था। अपनी सीमित कोशिशों से जब समस्या से पार नहीं पाया जा सका तो इसके मठ के तांत्रिकों से गुहार लगाई। पर सेवा कर देने के बावजूद सुनवाई जल्द नहीं हो पाई। कभी इधर की बेमौसम बरसात का दोष, कभी किसी की गैर हाजिरी, कभी समय का दुखड़ा करते-करते जब हफ्ता निकल गया तो फिर याद करवाते समय आवाज में तुर्षी आना स्वाभाविक हो गया था। अब पता नहीं किसकी मेहरबानी से संत पधारे, माथा पच्ची कर इसका उद्धार किया। चलो देर आयद दुरुस्त आयद, मेरी जान में तो जान आई।
दूसरी कंपनियों वाले कैसे गज की गुहार पर दौड़े चले आते हैं। अब यह पता नहीं कि दूसरे की थाली में घी ज्यादा दिख रहा है या वे भी इसी थैली के......हैं।

10 टिप्‍पणियां:

समय चक्र ने कहा…

मेरी मानें तो आप दूसरी सेवा ले लें .... आभार

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

महेन्द्र जी,
अब क्या है कि स्थिर फोन जुड़ाव भी इसी का है। किसी दूसरी सेवा का आनंद लेने पर सब जगह तुरही बजवानी पड़ेगी सो उसी झंझट का फायदा सरकार हमसे उठा रही है। जब कुछ गड़बड़ाहट होती है तो कुढते हैं, ठीक हो जाने पर चलो ठी )))क है का रुख अख्तियार हो जाता है।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सभी जगह का दुखडा यही है पर निजी सेवा वाले इनसे कुछ कम परेशान करते हैं, आजमा कर देखने में हर्ज नही है.

रामराम.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सभी जगह का दुखडा यही है पर निजी सेवा वाले इनसे कुछ कम परेशान करते हैं, आजमा कर देखने में हर्ज नही है.

रामराम.

राज भाटिय़ा ने कहा…

क्या इन का कोई इलाज हे, मेरा सिम बन्द हो गया था *भारत मे, मै चालू करवाने गया तो बिना मुंडी उठाये बोला कल आना, मै दुसरे दिन गया तो बोला एपलीकेशन लिख कर लाये.... मैने खुब गालिया दी उन्हे ओर खुब जोर से कहा कि कल क्यो नही बताया, ओर सिम उन के मुंह पर मार कर आ गया, अब नेट से उस जगह उन लोगो की शिकायत दर्ज करवा रहा हुं.

बेनामी ने कहा…

दूर के ढोल सुहाने :-)

शिवम् मिश्रा ने कहा…


बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

संजय भास्‍कर ने कहा…

बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

anshumala ने कहा…

सभी इन सेवा देने वालो से परेशान है हा सरकारी वाले तो हद ज्यादा कर देते है |

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आज इसके लिए लोग घड़ियाली आंसू बहाए जा रहे हैं :(

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