पिछले तीन तारीख से यह मायाजाल रूठा हुआ था। अपनी सीमित कोशिशों से जब समस्या से पार नहीं पाया जा सका तो इसके मठ के तांत्रिकों से गुहार लगाई। पर सेवा कर देने के बावजूद सुनवाई जल्द नहीं हो पाई। कभी इधर की बेमौसम बरसात का दोष, कभी किसी की गैर हाजिरी, कभी समय का दुखड़ा करते-करते जब हफ्ता निकल गया तो फिर याद करवाते समय आवाज में तुर्षी आना स्वाभाविक हो गया था। अब पता नहीं किसकी मेहरबानी से संत पधारे, माथा पच्ची कर इसका उद्धार किया। चलो देर आयद दुरुस्त आयद, मेरी जान में तो जान आई।
दूसरी कंपनियों वाले कैसे गज की गुहार पर दौड़े चले आते हैं। अब यह पता नहीं कि दूसरे की थाली में घी ज्यादा दिख रहा है या वे भी इसी थैली के......हैं।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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10 टिप्पणियां:
मेरी मानें तो आप दूसरी सेवा ले लें .... आभार
महेन्द्र जी,
अब क्या है कि स्थिर फोन जुड़ाव भी इसी का है। किसी दूसरी सेवा का आनंद लेने पर सब जगह तुरही बजवानी पड़ेगी सो उसी झंझट का फायदा सरकार हमसे उठा रही है। जब कुछ गड़बड़ाहट होती है तो कुढते हैं, ठीक हो जाने पर चलो ठी )))क है का रुख अख्तियार हो जाता है।
सभी जगह का दुखडा यही है पर निजी सेवा वाले इनसे कुछ कम परेशान करते हैं, आजमा कर देखने में हर्ज नही है.
रामराम.
सभी जगह का दुखडा यही है पर निजी सेवा वाले इनसे कुछ कम परेशान करते हैं, आजमा कर देखने में हर्ज नही है.
रामराम.
क्या इन का कोई इलाज हे, मेरा सिम बन्द हो गया था *भारत मे, मै चालू करवाने गया तो बिना मुंडी उठाये बोला कल आना, मै दुसरे दिन गया तो बोला एपलीकेशन लिख कर लाये.... मैने खुब गालिया दी उन्हे ओर खुब जोर से कहा कि कल क्यो नही बताया, ओर सिम उन के मुंह पर मार कर आ गया, अब नेट से उस जगह उन लोगो की शिकायत दर्ज करवा रहा हुं.
दूर के ढोल सुहाने :-)
बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें
बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
सभी इन सेवा देने वालो से परेशान है हा सरकारी वाले तो हद ज्यादा कर देते है |
आज इसके लिए लोग घड़ियाली आंसू बहाए जा रहे हैं :(
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