नमस्कार,
पंजाबी में एक कहावत है "मुड़, मुड़ खोती बोड़ हेंठा" यानि घूम फिर कर वहीं लौटना। (अब पूरा ट्रांसलेशन ना करवाएं :-) )
तो लब्बोलुआब यह है कि पूरे 26 दिनों बाद लौटना हुआ है। पूरे प्रवास के दौरान अपने अस्त्र-शस्त्र साथ ना होने से कितनी परेशानी होती है यह मैं ही जानता हूं। चाह कर भी आप किसी से बात नहीं हो पा रही थी। ना ढंग से दुआ सलाम हुई ना ठीक से आपके स्नेह का उत्तर दे पाया। इस सारे समय में तीन बार "कैफे" में जा कर कुछ करने की कोशिश की भी थी पर आप समझ सकते हैं कि सागर में तैरने वालों को तरण-ताल में क्या मजा आयेगा।
तो देर तो हुई है जिसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं। पर फिर भी मेरी तरफ से हरेक प्रिय जन को बीते पर्वों की तहे दिल से शुभकामनाएं तथा मेरे इस दुनिया में टपकने वाले दिन पर याद करने का बहुत-बहुत धन्यवाद।
पंजाबी में एक कहावत है "मुड़, मुड़ खोती बोड़ हेंठा" यानि घूम फिर कर वहीं लौटना। (अब पूरा ट्रांसलेशन ना करवाएं :-) )
तो लब्बोलुआब यह है कि पूरे 26 दिनों बाद लौटना हुआ है। पूरे प्रवास के दौरान अपने अस्त्र-शस्त्र साथ ना होने से कितनी परेशानी होती है यह मैं ही जानता हूं। चाह कर भी आप किसी से बात नहीं हो पा रही थी। ना ढंग से दुआ सलाम हुई ना ठीक से आपके स्नेह का उत्तर दे पाया। इस सारे समय में तीन बार "कैफे" में जा कर कुछ करने की कोशिश की भी थी पर आप समझ सकते हैं कि सागर में तैरने वालों को तरण-ताल में क्या मजा आयेगा।
तो देर तो हुई है जिसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं। पर फिर भी मेरी तरफ से हरेक प्रिय जन को बीते पर्वों की तहे दिल से शुभकामनाएं तथा मेरे इस दुनिया में टपकने वाले दिन पर याद करने का बहुत-बहुत धन्यवाद।
9 टिप्पणियां:
आपको भी बीते पर्वों की ढेरों बधाई और शुभकामनाएं ....
सच है सागर में लोरने वालों को ताल तलैया कहाँ पुसाती हैं ...
आपको भी पर्वों की बधाइयां और शुभकामनाएं।
अच्छा, तो आप टपक पडे।
स्वागत है।
Happy Waapasi...
आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाये.....सागर और तलैया वाली बड़ी सही बात कही आपने.....
दीवाली से होली तक सभी त्यौहारों की एक साथ साथ बधाई और शुभकामनाएं
जी आया नूँ, बोड़ हेंठा:)
Gaganji
Welcome back.
Thank you. Now we can have some life in blogging world.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
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