मंगलवार, 9 मार्च 2010

सिगरेट, पियो तो मुश्किल ना पियो तो मुश्किल :-)

* सिगरेट तुम्हारी बिमारी का कारण है, तुम दिन भर में कितनी सिगरेट पीते हो? डाक्टर ने मरीज से पूछा।

यही कोई दस-बारह। मरीज ने जवाब दिया।

यह तो बहुत ज्यादा है। एक काम करो तुम खाना खाने के बाद ही सिगरेट पिया करो और एक महीने बाद मुझसे मिलना।

महीने भर बाद उसे देख डाक्टर बोला, देखा अब तुम पहले से कितने ठीक लग रहे हो। शरीर भी भर गया है।

अब डाक्टर साहब दस-बारह बार खाना खाने से शरीर तो भरेगा ही ना। मरीज ने जवाब दिया।


* तुम्हें सारे नशे धीरे-धीरे कम करने होंगे, तभी ठीक हो पाओगे। आज से शराब एक पेग से ज्यादा नहीं। सिगरेट दिन भर में चार बस। रात को खाना खा कर थोड़ी देर टहला करो, रात दस बजे के पहले सो जाना और सबेरे जल्दी उठोगे तो एकदम ठीक हो जाओगे।

महीने भर बाद जब फिर मरीज चेक करवाने आया तो डाक्टर ने पूछा , कैसा लग रहा है?

मरीज बोला बाकि तो सब ठीक है पर सिगरेट की आदत ड़ालने में कुछ तकलीफ हुई थी। पहले कभी पी नहीं थी ना।

6 टिप्‍पणियां:

Nitish Raj ने कहा…

खूब....

राज भाटिय़ा ने कहा…

जरुर ताऊ ही होगा हमारे वाला:) बहुत खुब जी

Udan Tashtari ने कहा…

हा हा!! मस्त!

indian citizen ने कहा…

peg lene me to aur dikkat hui hogi

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

ये भाटिया जी को पोल खोलने की आदत ही पड चुकी है.:)

रामराम.

मनोज कुमार ने कहा…

बेहतरीन। लाजवाब।

विशिष्ट पोस्ट

दीपक, दीपोत्सव का केंद्र

अच्छाई की बुराई पर जीत की जद्दोजहद, अंधेरे और उजाले के सदियों से चले आ रहे महा-समर, निराशा को दूर कर आशा की लौ जलाए रखने की पुरजोर कोशिश ! च...