ताजमहल के संरक्षण में कईयों का योगदान रहा है अब तक...........
ये तो सभी जानते हैं कि भारत की पहचान बन चुका आगरे का ताजमहल किसने बनवाया, क्यूं बनवाया, कैसे बनवाया, इत्यादि,इत्यादि। परन्तु इसके बनने के बाद इसकी साज-संभाल, देख-रेख कितनों ने की यह शायद सबको मालुम ना हो। इतिहास खंगालने पर पता चलता है कि इसके बनने के कुछ ही सालों के बाद 1655 में ही इसमें कुछ दरारें उभर आयीं थीं। इसकी जानकारी उसी समय बादशाह औरंगजेब को दी गयी। वह इस तरह के खर्चों से दूर रहता था, झुंझलाने के बावजूद उसने ताज की मरम्मत करवाई।
इसके बाद 1812 में कैप्टन जोसेफ अलेक्जेंडर जो आगरा के एग्जेक्यूटिव इंजीनियर थे, ने इसका रख-रखाव करवाया। फिर दोबारा 1873-74 में ताज की नींव में गड़बड़ी पायी गयी और फिर बड़े पैमाने पर इसकी मरम्मत का काम करना पड़ा था।
फिर आता है 1984 का साल जब श्री महेश चंद्र मेहता ने इसको आस-पास के प्रदूषण से बचाने के लिये मुहिम छेड़ी। जिसके ही कारण 1996 में अदालत ने 292 कारखानों को वहां से हटाने का आदेश पारित कर ताज की उम्र में बढोतरी की। इसी जागरूकता के कारण श्री मेहता को 1997 में मेगसासे एवार्ड से नवाजा गया।
नौ अप्रैल 98 को युनेस्को और पुरातत्व विभाग ने मिल कर ताज के रख-रखाव के लिये एक प्रोजेक्ट तैयार किया।
13-05-1998 सरकार ने एक प्रस्ताव पास कर इसक चारों ओर किसी भी प्रकार के निर्माण पर पाबंदी लगा दी।
सन 2000 में ताज के 500 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के वाहन की पार्किंग या आवाजाही पर रोक लगा दी गयी।
22 जून 2002, ताज ग्रुप आफ होटल और पुरातत्व विभाग के द्वारा एक "नेशनल कल्चर फंड़" बनाया गया। जो इसकी देख-रेख और सुविधायें बढाने पर अपना ध्यान देता है।
दिसम्बर 2002 मायावती की सरकार का इसके चारों ओर ताज कारीडोर बनाने के घातक मंसूबे का पर्दाफाश हुआ। पर ऐसा होने के पहले करीब चालीस लाख क्यू. मीटर मिट्टी को जमुना में डाला जा चुका था। पर फिर भी ताज की रक्षा हो ही गयी।
ताजमहल भारत की ही नहीं विश्व की धरोहर बन चुका है। इसके संरक्षण और सुरक्षा की जिम्मेदारी को तो निभाना ही है। साथ-साथ इसका भी ध्यान रखना जरूरी है कि कुदरती प्रदूषण के साथ-साथ घिनौनी नियत वालों की काली नजरों से भी इसका बचाव होता रहे।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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10 टिप्पणियां:
पूरी पोस्ट जानकारियों से भरी है!
बधाई!
pareeksha achchhe gayi. seemit blogging hi karoongi. word verification hata diya hai. anya sujhaav dete rahiyega.
tajmahal ke baare mei itna kuchh jaankar achchha laga.
बहुत बढिया जानकारी दी आपने गगन जी ..
गगन जी आपने अच्छी जानकारी दी,ताज महल बनाने वाले अज्ञात शिल्पकारों को मेरा नमन है। मै जब भी ताज के अन्दर छत पर निर्मित ज्यामि्तियों को देखता हुँ। तो आश्चर्य चकित रह जाता हुँ, कि कैसे होंगे वे हाथ जिन्होने इसे बनाया है?
बेहद उपयोगी जानकारियाँ । बेहतरीन पोस्ट । आभार ।
बहुत सुंदर जानकारी, वेसे इस माया वती के एक भी काम कोई ढंग का किया है, सुना है इस के पढाये बच्चे भी दिल्ली मै बेचारे रिकक्षा ही चला रहे है
अरे यारो, मायावती तो ताजमहल का भला कर रही थी,क्योंकि वो जानती है सच्चा प्यार क्या होता है,मगर आप लोग भी ना, प्यार की क़द्र ही नही करते ?
जानकारीपूर्ण!
बहुत सुंदर जानकारी...
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