मेरा एक सुझाव है कि किसी भी दिग्गज ब्लाग पर "गपशप" जैसा कुछ शुरू किया जाय। अब यहां एक से बढ कर एक "पोपुलर" जगहें हैं जहां हर कोई खिंचा चला आता है। इनमें किसी पर भी ऐसा कुछ शुरु किया जाय जिसमें हर ब्लागर अपने क्षेत्र की कोई भी जानकारी, कोई घटना, कोई नयी खबर, कुछ अनोखा यदि हो तो सबके साथ बांटे। और उसकी प्रतिक्रिया भी तुरंत उपलब्ध हो सके। जैसा कि अभी ताऊजी के फर्रुखाबादी खेल में सब बढ-चढ कर भाग लेते हैं, पहेलियों के अलावा भी नोक-झोंक में। उसी तरह दुनिया-जहान की बातें एक ही जगह हो जायें। कहने को तो हर ब्लाग ऐसी ही जानकारी रखता है, पर वहां संजीदगी पीछा नहीं छोड़े रहती। अब इसकी तुलना किसी "ट्वीटर या फेसबुक" से ना कर एक अलग रूप का खिलंदड़ा ब्लाग बन जाये तो कैसा रहे? जिसमे तरह-तरह की जानकारियाँ उपलब्ध हों।
इसके लिये भी मेरी ताऊजी से ही गुजारिश है कि वह एक नया ब्लाग शुरू करें। उनकी चौपाल से ज्यादा मुफीद जगह और कौन सी हो सकती है। यदि ऐसा हो तो चौपाल पर हुक्का गुड़गुड़ाने का समय थोड़ा देर से रखा जाय।
इस ब्लॉग में एक छोटी सी कोशिश की गई है कि अपने संस्मरणों के साथ-साथ समाज में चली आ रही मान्यताओं, कथा-कहानियों को, बगैर किसी पूर्वाग्रह के, एक अलग नजरिए से देखने, समझने और सामने लाने की ! इसके साथ ही यह कोशिश भी रहेगी कि कुछ अलग सी, रोचक, अविदित सी जानकारी मिलते ही उसे साझा कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके ! अब इसमें इसको सफलता मिले, ना मिले, प्रयास तो सदा जारी रहेगा !
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13 टिप्पणियां:
सुझाव अच्छा है!
हमारा भी समर्थन है!
ताऊ जी सुन रहे होsssssss!
गगन जी-आपका सुझाव पसंद आया। हमारा भी समर्थन है।
taau ke kaan me jaa kar kahta hun abhi. :)
बहुत बढिया सुझाव है.
ऒऎ ताऊ रे सुनियो जरा यू पंडित जी के कहवे शे... समीर जी जरा जोर से बोलना सुना है कल ताई का लट्ठ कान के पास पडा ओर ताऊ को ऊंचा सुनना शुरु हो गया
सुझाव बेहतर है । ताऊ जी सुयोग्य हैं । आभार ।
गगन जी की बात को अपना भी समर्थन...
जय हिंद...
पंचो का सुझाव सर माथे. समय का फ़ैसला आप लोग सर्वसम्मति से करके बतायें जिससे किसी को शिकायत ना रहे और वाकई एक चौपाल का आनंद सभी ले सके.
रामराम.
बहुत अच्छा सुझाव है । हमारा भी समर्थन है धन्यवाद।
बढिया सुझाव है। मेरी समझ से ताउ को इसे मानने में कोई दिक्कत भी नहीं होनी चाहिए।
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मानवता के नाम सलीम खान का पत्र।
इतनी आसान पहेली है, इसे तो आप बूझ ही लेंगे।
गपशप!!!!!
हम रोज़ वही तो कर रहे हैं :)
आपका सुझाव तो अच्छा है
यार, आपका यह सुझाव सच में मज़ेदार और काम की बात लग रहा है। ब्लॉग जगत अब थोड़ा औपचारिक और गंभीर-सा हो गया है, जबकि पहले वाले दिनों में हँसी-मज़ाक, छेड़छाड़ और हल्की-फुल्की गपशप ही इसकी रौनक थी। मैं पूरी तरह से तुम्हारी उस बात से सहमत हूँ कि ऐसा मंच चाहिए जहाँ लोग बिना बोझ के बातें कर सकें।
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