बुधवार, 7 अक्टूबर 2009

ऐसा सिर्फ हमारे देश में ही हो सकता है !!!

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पुनासा ब्लाक का सुरगाओं बनजारी गांव का एक सरकारी प्रायमरी स्कूल। यहां के हेड़ मास्टर साहब, श्रीमान गोदिआ चक्रे, अपने "जरूरी कामों" में ज्यादातर व्यस्त रहने के कारण अपनी अनुपस्थिति में स्कूल सुचारु रूप से चलता रहे, इसलिये एक सोलह साल के लड़के को कार्यभार सौंप खुद फारिग हो गये।
यह सोलह साला लड़का, जिसका नाम प्रताप है, गांव में गायें चराने का काम करता है। यह न सिर्फ स्कूल के बच्चों को "कंट्रोल" करता था बल्कि स्कूल के दूसरे शिक्षकों पर भी अपना हुक्म चलाता था। चलाता भी क्यों ना आखिर उसकी नियुक्ति हेड़ मास्साब द्वारा जो की गयी थी। प्रताप को वेतन भी चक्रे साहब ही देते थे।
बात तो एक न एक दिन सामने आनी ही थी, जब पता चला कि हेड मास्साब गायब रहते हैं तो उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की गयी और पाया गया कि प्रताप साहब सिर्फ स्कूल चलाते ही नहीं थे बल्कि उन्होंने अपने नियम-कायदे भी दूसरे शिक्षकों पर थोप रखे थे।
सारे मामले को गंभीरता से लेते हुए चक्रे जी को सस्पेंड कर दिया गया है।
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यहां सवाल यह उठता है कि स्कूल के बाकि शिक्षकों की क्या "कमजोरी" थी कि वे सब इस हिमाकत को चुप-चाप देखते, सहते रहे ?

8 टिप्‍पणियां:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

शर्माजी पूरे कुय़ें मे ही भांग पडी हुई हो तो कोई दूसरे कुयें का पानी लाने का इंतजाम किया जाये? यहां तो सारे कुयें ही भांग घोटा युक्त हैं.:) जय महानकाल.

रामराम.

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी दी शर्मा जी धन्यवाद, ये तो होता ही रहता है अपना 36 गढ भी इस मामले मे कम नही है,यहाँ भी कई मामले ऐसे मिल जायेंगे, बस्तर के एक स्कूल मे तो बच्चे धान काटने गये थे और पढने हाजरी दीलाने उसके माँ बाप आये थे ये तो मेरा देखा हुआ है
ये ही तो इन्डिया है,

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सवाल तो वाकई मुश्किल है.
अंधेर नगरी , चौपट राजा.

राज भाटिय़ा ने कहा…

गांव में गायें चराने का काम करता है। अजी जब इतनी सारी गाय ( जानवर) समभाल सकता है तो इंसानो को केसे नही समभाळ सकता,तभी तो.... मेरा देश महान बना है.

धन्यवाद आप ने ताऊ क सपना सच कर दिया

Udan Tashtari ने कहा…

धन्य है! क्या कहा जाये!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जब चरवाहे स्कूल में पढ़ायेंगे तो छात्र चरवाहों की भैंस ही तो चरायेंगे।
हा...हा...ही...ही....!

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

वाकई ऎसा सिर्फ अपने देश में ही हो सकता है!!!!

अजय कुमार झा ने कहा…

गगन जी मुजे लगता है कि प्रताप जरूर ही प्रभावशाली घर का बालक होगा.....और अन्य मास्टरों के साथ साथ गांव वालों का भी कुछ न कहना ..सोच में डाल देता है...सोचता हूं कि क्या ऐसी खबरें कभी किसी न्यूज़ चैनल की एक्सक्लुसिव खबर बन पायेगी...पता नहीं..और हां ये इस देश में ही हो सकता है..ठीक कहा आपने

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