ऊंट के बारे में हम बचपन से ही पढते-सुनते आए हैं। फिर भी प्रकृति के इस अजीबोगरीब जानवर के बारे में लगता है कि इसे हम पूर्णतया नहीं जान पाए हैं। आईए देखें इसको सूक्ष्मदर्शी से :-
ऊंट के होंठ खरगोश की तरह के होते हैं।
इसके दांत और पेट चूहे से मेल खाते हैं।
इसके पैर हाथी से मिलते-जुलते होते हैं।
इसकी गर्दन हंस जैसी होती है।
इसका खून पक्षियों जैसा होता है और इसका पित्ताशय (gall bladder) नहीं होता।
यह पलकें बंद कर भी देख सकता है।
यह अपने नथुने बालू के बवंडर में बंद कर रह सकता है।
यह अपने पेट और कूबड़ में पानी जमा कर, बिना पानी बहुत दिनों तक रह सकता है। यह तो बहुत से लोगों को मालुम है। पर स्वच्छ जल इसके लिए हानिकारक हो सकता है। इसे खारा पानी ज्यादा पसंद है, यह कम ही लोगों को मालुम होगा।
इसकी पलकों पर मुलायम रेशमी बाल होते हैं जो इसकी आंखों को सूर्य की चकाचौंध से बचाते हैं।
किसी मरे हुए ऊंट को देख कर इसकी हालत बिगड़ जाती है।
कहते हैं कि एक बार पूराने जमाने में कोई व्यापारी इस पर दूध लाद कर ले जा रहा था। इसकी अजीबोगरीब चाल से धचके लग-लग कर दूध, मक्खन में बदल गया। इस तरह मनुष्य के लिए अमृत समान एक पौष्टिक खुराक की ईजाद हुई।
जानवरों के विशेषज्ञ, जिन्होंने अपनी जिंदगी ऊंटों के अध्ययन में गुजार दी, उनका भी मानना है कि वे इस जानवर के बारे में अधिक नहीं जानते। तो फिर हम कहां टिकते हैं।
8 टिप्पणियां:
बडी रोचक जानकारी दी आपने.
धन्यवाद,
रोचक जानकारी दी है। प्रकृति ने अपनी हर कठिनाई से निपटने के लिए प्राणियों को अलग अलग विशेष गुण भी दिए हैं।
घुघूती बासूती
बड़ी रोचक जानकारी ऊंट के बारे में दी है . धन्यवाद.
दिलचस्प और रोचक जानकारी-जय हो ऊँट महाराज की.
हमेशा की तरह ही अच्छी जानकारी दी।
आपने बहुत ही रोचक एवं नवीन जानकारी प्रदान की...लेकिन एक बात माननी पडेगी कि चाहे ऊंट कितना भी अजूबा हो,लेकिन इन्सान से बढकर प्रकृ्ति की अनोखी करामात कोई भी नहीं हो सकती.
अपनी इन्ही खूबियों के चलते ऊंट रेगिस्तान वासियों के लिए वरदान साबित हुए ! अब राजस्थान डेयरी बीकानेर में ऊंटनी के दूध को ज्यादा देर तक बचाए रखने के शोध चल रहे है जल्दी ही लोगो को राजस्थान डेयरी की तरफ से विक्रय के लिए जारी ऊंटनी का रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला पोष्टिक दूध पीने को मिला करेगा |
badi hi achhi jankari di aapne
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