रविवार, 2 जून 2024

Deepfake, चरम नकली

अधिकांश लोगों को ग्रंथों में वर्णित देवराज इंद्र की उस ओछी हरकत का ज्ञान होगा, जब उसने ऋषि गौतम का रूप धारण कर उनकी पत्नी अहिल्या के साथ दुर्व्यवहार किया था ! वह कामरूप सिद्धि थी जो डीपफेक का बेहद उच्च कोटि का संस्करण था ! हनुमान जी ने भी श्री राम के पहले दर्शन साधू वेश में किए थे ! सीता हरण, शूर्पणखा कांड, मारीच का स्वर्ण हिरण रूप, रावण के गुप्तचर शुक का वानर रूप सब डीपफेक के उच्च कोटि के संस्करणों के ही तो उदाहरण हैं ! महिषासुर ने तो साक्षात भैंसे का रूप ही धारण कर लिया था...........! 

#हिन्दी_ब्लागिंग 

समय के साथ-साथ विज्ञान प्रकृति के रहस्यमयी परदे के पीछे से तरह-तरह की अनोखी चीजें हमारे सामने लाता रहा है, यह क्रम जारी है और सदा जारी रहेगा ! कुछ दिनों पहले तक नकली वीडियो, ऑडियो, तस्वीरें वगैरह काफी प्रसारित- प्रचारित होते रहे थे ! वहीं अब एक नई विधा Deep Fake, जिसके लिए अभी हिंदी का उपयुक्त शब्द ईजाद नहीं हुआ है, सामने आई है ! यह एक प्रकार की वीडियो या इमेज है जिसमें किसी व्यक्ति का चेहरा किसी दूसरे व्यक्ति के चेहरे से बदल दिया जाता है। डीपफेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग की मदद ली जाती है। डीपफेक वीडियो और ऑडियो दोनों रूपों में हो सकता है ! इस उच्च कोटी की संपादित तकनीकी की खासियत यह है कि इसमें नकली और असली में अंतर कर पाना बहुत मुश्किल होता है ! पर आज का यह लेख इस विधा से संबंधित एक दूसरी बात को सामने लाने के लिए है !  

हमारे प्राचीन ग्रंथों में हजारों वर्ष पहले आठ सिद्धियों, नौ निधियों तथा दस गौण सिद्धियों के बारे में विस्तार से बताया गया है ! उन्हीं गौण सिद्धियों में परकायाप्रवेशनम् तथा कामरूपम्: नाम की दो सिद्धियां भी हैं !  परकायाप्रवेशनम् की सहायता से जहां किसी भी शरीर में प्रवेश किया जा सकता है। वहीं कामरूपम: सिद्धि को सिद्ध कर साधक अपनी इच्छा अनुसार कोई भी रूप धारण कर सकता है। देखा जाए तो ये आज की डीपफेक तकनीक के बहुत ही परिष्कृत और बेहद उच्च स्तरीय संस्करण हैं ! आज का डीपफेक जहां अभी तक सिर्फ यंत्रों में आभासी स्तर तक ही सिमित है, वहीं इन सिद्धियों का प्रयोग और उपयोग रामायण-महाभारत के अलावा अन्य ग्रंथों के अनुसार सुर-असुर, देवता, राक्षस, गंधर्व इत्यादि के द्वारा, वास्तविक रूप में, अच्छा-बुरा लाभ उठाने या गुप्तचरी करने की कोशिश में किए जाने का उल्लेख मिलता है ! 

गौतम ऋषि के वेश में छल करता इंद्र 
अधिकांश लोगों को ग्रंथों में वर्णित देवराज इंद्र की उस ओछी हरकत का ज्ञान होगा, जब उसने ऋषि गौतम का रूप धर उनकी पत्नी अहिल्या के साथ दुर्व्यवहार किया था ! वह कामरूप सिद्धि थी जो डीपफेक का बेहद उच्च कोटि का संस्करण ही तो था ! हनुमान जी ने भी श्री राम के पहले दर्शन साधू वेश में किए थे ! सीता हरण, शूर्पणखा कांड, मारीच का स्वर्ण हिरण रूप, रावण के गुप्तचर शुक का वानर रूप सब डीपफेक के उच्च कोटि के संस्करणों के ही तो उदाहरण हैं ! महिषासुर ने तो साक्षात भैंसे का रूप ही धारण कर लिया था ! कितना और कहां तक गिनाया जाए........! 

साधू वेश में हनुमान जी का राम मिलाप 
हमारे ग्रंथों में वर्णित ज्ञान के सामने आज का विज्ञान नवजात शिशु रूप में ही है ! जो अभी तक उस समय के मुकाबले ऐसी इक्का-दुक्का उपलब्धियां ही हासिल कर पाया है ! इसके बावजूद दिक्कत हमारे साथ ही है ! हम खुद ही अपने गौरवान्वित इतिहास पर विश्वास नहीं करते ! ग्रंथों में लिखी बातों को वामपंथ विचारधारा के षड्यंत्र के तहत कपोल कल्पना मात्र मान उसको दरकिनार तो करते ही हैं, वक्त बेवक्त उसका मजाक उड़ाने से भी बाज नहीं आते ! गलती पूर्णतया हमारी भी नहीं है, पीढ़ी दर पीढ़ी जो बताए-पढ़ाए के नाम पर थोपा गया, उस पर विश्वास तो करना ही था ! खैर अब समय आ गया है कि हम वर्तमान और आने वाली पीढ़ी को सच्चाई से अवगत कराएं ! पुरानी कथा-कहानियों में वर्णित बातों को वैज्ञानिक आधार दे समझाएं ! गौरवान्वित महसूस करवाएं !

@सभी चित्र अंतर्जाल के सौजन्य से 

4 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वर्त्तमान पीढी सौभाग्यशाली है चरम जानती है और चरम सीख रही है | काहे चिंता करनी है | वाम दक्सिन अपने अपने व्यापार में लगे हैं वो भी चरमोत्कर्ष का आनंन्द ले रहे हैं :)

आलोक सिन्हा ने कहा…

सुंदर लेख

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सुशील जी
यह भी ठीक है। आभार✨ 🙏🏻

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

आलोक जी
अनेकानेक धन्यवाद🙏

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