यह विशाल मंदिर और इसका परिसर इतना सुंदर, मनमोहक और आकर्षक है कि इसकी भव्यता को शब्दों में व्यक्त करना बहुत ही कठिन है ! मंदिर का परिसर किसी महल जैसा लगता है। इसकी हर चीज, चाहे वह मूर्तियां हों, चाहे नक्काशी हो, चाहे सजावट हो, चाहे वास्तुशिल्प हो, के के आकर्षण में पर्यटक अचंभित सा अभिभूत हो बंध सा जाता है ! यहां से वापस जाने का मन ही नहीं करता...........!
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गुजरात,अपनी परंपरा, संस्कृति तथा धार्मिक स्थलों की वजह से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है ! फिर चाहे वह द्वारका हो, बेट द्वारका हो, सोमनाथ व नागेश्वर ज्योतिर्लिंग हों, प्रभास क्षेत्र हो, अक्षरधाम हो या फिर सरदार सरोवर ! इंसान देखते-देखते थक जाए पर दिव्य, मनोरम, दर्शनीय स्थलों की गिनती पूरी न हो ! ऐसा ही एक अनुपम धार्मिक स्थल है, नीलकंठ धाम !
विशाल परिसर |
यह आश्चर्यजनक स्थान राजपीपला नर्मदा जिले के नर्मदा नदी के तट पर पोइचा गाँव में स्थित है। जो अहमदाबाद से 170 किमी, वड़ोदरा से 60 किलोमीटर और सरदार सरोवर बाँध, केवड़िया से तक़रीबन 30 किमी की दूरी पर पोयचा नामक गांव में स्थापित है। यह स्वामीनारायण मंदिर लोगों की आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र है। नर्मदा नदी के तट के समीप, 2013 में 105 एकड़ में बने इस भव्य मंदिर का निर्माण स्वामी नारायण गुरुकुल राजकोट की तरफ से करवाया गया है। इसके मुख्यद्वार का अनूठापन, इसकी वास्तुकला, इसके उद्यान, इसकी मूर्तियों की सजीवता, शांत वातावरण, एक-एक पत्थर पर उकेरी गई इसकी कारीगरी पर्यटकों को बाँध कर रख लेती है ! यह अलौकिक स्थान श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों में भी अत्यंत लोकप्रिय है ! इसीलिए यहां आने वाले लोगों का तांता लगा रहता है।
भव्य व आकर्षक प्रवेशद्वार |
यह विशाल मंदिर और इसका परिसर इतना सुंदर, मनमोहक और आकर्षक है कि उसकी भव्यता को शब्दों में व्यक्त करना बहुत ही कठिन है ! मंदिर का परिसर किसी महल जैसा लगता है। इसकी हर चीज, चाहे वह मूर्तियां हों, चाहे नक्काशी हो, चाहे सजावट हो, चाहे वास्तुशिल्प हो, के आकर्षण में पर्यटक अचंभित सा अभिभूत हो बंध सा जाता है ! यहां से वापस जाने का मन ही नहीं करता ! सबसे बड़ी बात यहां फोटो खींचने की कोई मनाही नहीं है, जिससे पर्यटक यहां की अद्भुत यादें अपने साथ घर भी ले जा सकता है।
मंदिर परिसर के द्वार के समीप विशाल नटराज की मूर्ति स्थापित है, जिसकी भव्यता देखते ही बनती है। परिसर में मौजूद सरोवर मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाता है। सरोवर में भगवान गणेश, शिवलिंग और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में प्रभु के चौबीस अवतारों के साथ-साथ स्वामी नारायण, शिवलिंग, गणेश जी, हनुमान जी, राधाकृष्ण देव इत्यादि के 32 और छोटे-बड़े मंदिर बने हुए हैं। रोज होने वाली रथ-यात्रा तथा रात का साउंड व लाइट शो अपना अतिरिक्त आकर्षण रखते हैं ! मंदिर में नीचे की ओर बहती नर्मदा नदी में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही इकट्ठा हो जाती है। अंधेरा होने पर मंदिर अलग-अलग तरह की लाइट्स से रोशनी में नहा जाता है। जो इस इमारत की खूबसूरती को और भी बढ़ा देती है।
स्वामी नारायण जी का मंदिर |
सरोवर का निर्मल जल |
मूर्तियों की सजीवता |
स्वामी नारायण रथ |
5 टिप्पणियां:
बहुत ही सुन्दर 🌻❤️
2023 की हार्दिक शुभकामनाएं 🌻🙏
शिवम जी
सदा स्वागत है आपका ! आने वाला समय मंगलमय हो
नववर्ष मंगलमय हो सभी के लिए सपरिवार | सुंदर|
सुशील जी
आने वाला समय भी मंगलमय हो, सभी के लिए💐 🙏🏻
गुजरात यात्रा: एक रंगीन और सांस्कृतिक अनुभव का सफर। यह ब्लॉग गुजरात की सुंदरता, ऐतिहासिक स्थलों, और स्वादिष्ट स्थानीय खाद्य से भरपूर है। यहाँ की अनूठी मिश्रितता और समृद्धि का अहसास करें।
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